नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को पास हुए एक साल पूरे हो गए। राजधानी की सीमाओं पर तो किसान डटे ही हैं, आज ‘काला दिवस’ भी मनाया जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल की अगुवाई में संसद तक एक मार्च भी प्रस्तावित है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कई जगहों पर बैरिकेडिंग करके रास्ते बंद कर दिए हैं। पुलिस का कहना है कि कोविड को देखते हुए मार्च की इजाजत नहीं है। नई दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है। वहीं दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी किसानों के विरोध को देखते हुए झड़ौदा कलां बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया है। ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर लोगों से इस मार्ग के प्रयोग से बचने की सलाह दी है। वहीं, अकाली दल के इस विरोध प्रदर्शन से पहले झंडेवालान-पंचकुइयां मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है और रोड पर भारी जाम लग गया है।
केंद्र में भाजपा के पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली में विशाल प्रदर्शन किया।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के नेतृत्व में भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से संसद भवन तक विरोध मार्च निकालने के लिए एकत्रित हुए, भारी पुलिस बल की तैनाती के कारण विरोध मार्च गुरुद्वारा साहिब से आगे न जा सका। इस दौरान पुलिस ने सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर सहित करीब 15 अकाली नेताओं को हिरासत में लिया और बाद में रिहा कर दिया। शिअद के एक पदाधिकारी के मुताबिक नेताओं ने ‘गिरफ्तारी’ दी। प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस की ओर से एहतियात के तौर पर दिल्ली की सीमाओं को सील किया गया और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई। उल्लेखनीय है कि शिअद ने घोषणा की थी कि वह संसद द्वारा पारित किए जा गए नये कृषि कानूनों के एक वर्ष पूरा होने के मौके पर आज ‘ब्लैक फ्राइडे’ मनाएगा।
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