आतंक के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक

Air strikes at terror location

आतंकी हमले का बदला भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान से 12 दिनों बाद ले लिया

14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कॉन्वॉय पर हुए आतंकी हमले का बदला भारतीय (Air strikes at terror location) वायु सेना ने पाकिस्तान से 12 दिनों बाद ले लिया। मंगलवार सुबह जैसे ही देशवासियों ने आंखें खोली तब उन्हें खबर पता चली की भारतीय वायुसेना ने पीओके में घुसकर आंतकी कैंपों पर हमला किया है। खबर के फैलते ही पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गयी। देशवासियों को इस बात की तसल्ली और खुशी दोनों हुई कि भारत सरकार ने सीआरपीएफ के शहीद सैनिकों की शहादत का बदला ले लिया है। भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालयों ने वायुसेना की कार्यवाही की पुष्टि कर दी है। मतलब साफ है कि भारत ने 14 फरवरी को पुलवामा में हुये आंतकी हमले का जवाब दुश्मन के घर में घुसकर दिया है।

भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई

पुलवामा हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुये रात्रि की अंतिम प्रहर 3.30 बजे मिराज-2000 (Air strikes at terror location) लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर हमला किया। 12 मिराज विमानों ने 1000 किलो बम बरसाए। इसमें कई आतंकी कैंप तबाह हुए हैं। भारतीय वायुसेना ने बालाकोट, चकोटी, मुजफ्फराबाद में जैश के ठिकाने तहस-नहस कर दिये हैं। भारतीय वायु सेना ने जैश का कंट्रोल रूम अल्फा-3 उड़ा दिया गया। मीडिया खबरों के अनुसार इस हवाई कार्यवाही में आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 200 से 300 तक आंतकी मारे गये हैं। भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा प्रशिक्षण शिविर को ध्वस्त किया है। इस आॅपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद में बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, सीनियर कमांडर, फिदायीन हमला करने वाले जिहादी मारे गए।

गौरतलब है कि बालाकोट पाकिस्तान के प्रांत खैबर पख्तूनख्वाह में स्थित है। हमले वाली जगह एलओसी से करीब 50 किलोमीटर दूर है। पीओके में पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकियों के लांच पैड हैं। पाकिस्तानी सेना आतंकियों को सीमा पर फायरिंग कर या मौका देखकर कश्मीर में भेजती रही है। पाकिस्तान हमेशा इन संगठनों की अपने देश में मौजूदगी से इनकार करता आया है. पाकिस्तान को कई बार सबूत भी दिए गए लेकिन उसने आतंकी संगठन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भारतीय वायुसेना के गुलाम कश्मीर में बमबारी की कथित तस्वीरें ट्वीट की हैं। भारत के विेदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से इस हमले की पुष्टि की है। वास्तव में पुलवामा हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान को लेकर गुस्से का माहौल था। देशवासी सड़कों पर तिरंगा लेकर निकल पड़े थे।

देशभर से पाकिस्तान को सख्त सबक सिखाने की मांग उठ रही थी। करोड़ों देशवासियों की भावनाओं के मद्देनजर ये जरूरी हो गया था कि सरकार पाकिस्तान में शरण पाये आंतकियों पर कड़ी कार्यवाही करे। पुलवामा में सीआरपीफ पर आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक वार के साथ ही कारोबारी झटका देते हुए उससे ह्यमोस्ट फेवर्ड नेशनह्ण का दर्जा वापस ले लिया था। वर्ल्ड ट्रेड आॅर्गनाइजेशन में शामिल वे देश जो उसके जनरल अग्रीमेंट आॅन टैरिफ्स ऐंड ट्रेड का हिस्सा हैं, एक दूसरे को कस्टम ड्यूटी में राहत के लिहाज से यह दर्जा देते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने पुलवामा आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी।

वहीं सरकार ने सरकारी सुरक्षा के दायरे में रहकर आतंकियों की भाषा बोलने वाले हुर्रियत के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी समेत 18 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने वापस ले ली थी।राज्य के 155 राजनीतिक नेताओं व कार्यकतार्ओं की सुरक्षा भी घटा दी। तीन दिन पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हुर्रियत के उदारवादी गुट के चेयरमैन मौलवी मीरवाइज उमर फारूक समेत पांच अलगाववादियों की सुरक्षा भी वापस ले ली थी। वहीं शांति बनाये रखने के लिये कई अलगाववादी नेताओं को जेलों में डाल दिया गया। इन सबके बीच केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार पूर्वी नदियों के भारत के हिस्से के पानी को पाकिस्तान में नहीं जाने देगी।

गडकरी ने रावी, सतलुज, ब्यास नदी के पानी को पाकिस्तान में बहने से रोकने के ऐलान का जिक्र करते हुए कहा था दोनों देशों के बीच इस संबंध में संधि आपसी समझ और प्रेम पर आधारित थी लेकिन आतंकवाद को समर्थन के साथ ऐसा नहीं हो सकता। लेकिन आंतकवाद से गहरे तक चोटिल भारतीय जनमानस इन कार्यवाहियों को पर्याप्त नहीं मान रहा था। देशवासियों में इस बात का गुस्सा अंदर तक भरा था कि पाक की मदद से आंतकी आये दिन हमारे सैनिकों पर हमला करते रहते हैं। आंतकियों ने ही कश्मीर को माहौल पूरी तरह खराब कर रखा है।

पुलवामा में हुये हमले के बाद देशवासियों के गुस्से और कार्यवाही की मांग के भारी दबाव के चलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को पूरी छूट दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाएगा और उन्होंने ऐसा कर दिखाया है। भारतीय सेना ने पुलवामा हमले के 100 घंटों के भीतर हमले के मास्टरमाइंड कामरान गाजी को मार गिराया। सेना को 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद से ही कामरान की तलाश थी और चार दिनों के बाद आखिरकार सफलता मिल ही गई। कामरान ही वह दहशतगर्द था, जिसका दिमाग सीआरपीएफ जवानों का काफिले पर पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के पीछे था।

उसने पाकिस्तान में बैठे अपने आका मसूद अजहर के इशारे पर वारदात को अंजाम दिया था। पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और इसमें पाकिस्तान का हाथ होने से इनकार किया था। इमरान खान ने यह भी कहा कि अगर भारत युद्ध करेगा तो पाकिस्तान सोचेगा नहीं, बल्कि जवाब देगा, क्योंकि पाकिस्तान के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। भारतीय सेना ने 1999 में कारगिल जंग में मिराज-2000 विमानों की बमबारी कर सबसे ऊंची चोटी टाइगर हिल पर अवैध रूप से कब्जा जमाए आतंकियों को नेस्तनाबूद किया था। मिराज विमानों से लेजर गाइडेड बम म्युनिशन गिराए गए थे।

कारगिल जंग के दौरान ये बम इजरायल से खरीदे गए थे। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद समेत अन्य इलाकों में तड़के की गई एयर स्ट्राइक के माध्यम से सेना ने साफ कर दिया है कि भारतीय लोकतंत्र आतंकवाद के खिलाफ नरमी नहीं बरतेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले दिनों बयान दिया था कि पुलवामा हमले का पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। हम आतंक पर बातचीत करने को तैयार हैं। अगर भारत ने हमला किया तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा। भारत ये बात खुद सोचे कि कश्मीर के युवा मरने-मारने पर क्यों उतर आए? इमरान ने कहा कि यह नया पाकिस्तान है, हम स्थायित्व चाहते हैं। फिर हम क्यों आतंकवाद की तरफ जाएंगे ? भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का रूख देखने वाला होगा। सेना सहित सुरक्षा बल पाकिस्तान की हर गतिविधि पर कड़ी नजरें गड़ाएं हैं।

जानकारों के मुताबिक, भारतीय सेना की इस एयर स्ट्राइक से दुश्मन का पिछली बार की सर्जिकल स्ट्राइक से अधिक नुकसान किया है। साथ ही पूरी दुनिया को भारत ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह भी संदेश दिया है कि पाकिस्तान और आतंकवाद वैश्विक शांति के लिए खतरा है। इस एयर स्ट्राइक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व को भी नई पहचान मिली है। उन्होंने दुनिया को दिखाया है कि भारत आतंक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने को तत्पर है। जिस तरह से यह कार्रवाई हुई है इसे साफ है कि भारत पाकिस्तान का दुश्मन नहीं बल्कि आतंकियों का दुश्मन है। और आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का जो काम किया है, इससे देश को मजबूती मिलेगी। वायुसेना ने जबरदस्त पराक्रम किया है, उसके लिए उन्हें बहुत बधाई।
लेखक: राजेश माहेश्वरी

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