वित्त वर्ष में ही पूरी होने की उम्मीद
नई दिल्ली। सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबी सार्वजनिक विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की दिशा में काम तेज कर दिया है तथा यह प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में ही पूरी होने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो सप्ताह पहले ही एयर इंडिया के विनिवेश की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इसके लिए मंत्रियों के एक कार्य समूह का गठन किया जाना था जिसकी देखरेख में विनिवेश का काम होना है।
समिति की पहली बैठक शीघ्र ही बुलाई जाएगी
कार्यसमूह ही यह तय करेगा कि विनिवेश कितना किया जाएगा, कैसे किया जाएगा और कब किया जाएगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले कार्यसमूह में नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू, सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि समिति की पहली बैठक शीघ्र ही बुलाई जाएगी। मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विनिवेश प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में ही पूरी करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने संकेत दिया कि सरकार शत-प्रतिशत विनिवेश के पक्ष में नहीं है और संभवत: वह नियंत्रक हिस्सेदार बनी रहेगी। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने एयर इंडिया के विनिवेश के बारे में कोई भी बात करने से इनकार कर दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि सरकार इस दिशा में काफी तेजी से काम कर रही है।
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