मुख्यालय ने जारी की विशेष एडवाइजरी
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। कृषि विभाग ने कई जगह से मिली शिकायतों के बाद गुलाबी सुंडी कीट को लेकर अलर्ट हो गया है। गुलाबी सुंडी के खतरे को देखते हुए कृषि विभाग मुख्यालय ने विशेष एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत कृषि अधिकारी नियमित तौर पर फील्ड में उतरकर कपास फसल की निगरानी करेंगे और जिन क्षेत्रों में कपास का उत्पादन अधिक होता है। उन गांवों में गुलाबी सुंडी की पहचान और रोकथाम के लिए किसानों को जागरूक करेंगे। प्रदेश में कपास की करीब 5 लाख 37 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई हुई है। जिसमें सरसा जिले के अंदर सबसे अधिक दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई है।
नीम आधारित दवाई से करें कीटों का उपचार
गुलाबी सुंडी को लेकर कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को जानकारी दे रहे हैं। कृषि उपनिदेशक डा. बाबूलाल ने बताया कि किसान सभी तकनीक इस्तेमाल करके कीट को प्रतिबंधित करें। उन्होंने बताया कि शुरुआत के 60 दिन तक प्रकृति में कीड़ों के प्राकृतिक शत्रु सक्रिय रहते हैं। अत: इस समय किसी रसायन का प्रयोग ना करें फिर भी ज्यादा आवश्यक हो जाए तो नीम आधारित दवाई अचूक या निंबेसीडीन का प्रयोग एक लीटर प्रति एकड़ की दर से करें। फसल की 60 से 120 दिन की अवस्था अगर कीट का आक्रमण होता है तो प्रोफेनोफास 50 ईसी 500 से 800 मिलीलीटर प्रति एकड़ या थायोडीकार्ब 225 से 400 मिलीलीटर प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
121 से 150 दिन की अवस्था में ये करें
अगर गुलाबी सुंडी का 121 से 150 दिन की फसल अवस्था पर अगर आक्रमण होता है तो ईथीयोन 20ईसी 800 मिलीलीटर या फैनवैलरेट 20 ईसी 100 से 150 मिलीलीटर या साइपरमैथरीन 10 ईसी 200 सीसी से 250 मिलीलीटर को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। किसानों को सलाह दी जाती है कि किन्ही दो रसायनों को कभी न मिलाकर छिड़के।
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