पर्यावरण के लिए खतरनाक फसल अवशेष जलाना: डॉ अश्विनी

Agricultural Science Center Jhajjar

फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर किसान मेले का आयोजन | Agricultural Science Center Jhajjar

झज्जर(सच कहूँ न्यूज)। कृषि विज्ञान केन्द्र झज्जर(Agricultural Science Center Jhajjar) द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर गांव बाघपुर में जिला स्तरीय किसान मेला आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष सह निदेशक किसान परामर्श सेवा चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार डॉ. अश्विनी कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषण की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है तथा मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व और जीव-जंतु दोनों गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं।

उन्होंने किसानों से कार्बनिक खादों को अपनाने की अपील की। केन्द्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने बताया कि फसल अवशेष के यथा स्थान प्रबंधन हेतू सरकार द्वारा अनेक कदम उठाये जा रहे है। इसी कड़ी में केन्द्र सरकार ने प्रमोशन आॅफ एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमैंट आॅफ क्रॉप रैजीड्यू योजना शुरू की है। योजना के नोडल अधिकारी डॉ. सत्यजीत यादव ने किसानों को पराली जलाने के नुकसानों, फसल अवशेष प्रबंधन के तरीकों व इससे होने वाले फायदों के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

उन्होने बताया कि पांच दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षण दिया गया तथा किसान गोष्ठी, समूह बैठक, किसान वैज्ञानिक परिचर्चा तथा विधि प्रदर्शनों के माध्यम से किसानों को जागरूक किया। केन्द्र से डॉ. कुसुम राणा, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. विरेन्द्र व कृषि विभाग से डॉ. रमेश लाठर व सहायक कृषि अभियंता सुधीर कुमार ने भी किसानों को जानकारी प्रदान की।

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