ईवीएम विवाद: 22 विपक्षी दलों की मांग, काउंटिंग से पहले ईवीएम से मिलाई जाए वीवीपैट पर्चियां
100 फीसदी वीवीपैट मिलान की मांग खारिज
अफजाल अंसारी के आरोप चुनाव आयोग ने खारिज किए
ईवीएम पर प्रणव मुखर्जी बोले, संदेह से परे होना चाहिए जनादेश
नई दिल्ली (एजेंसी)। नतीजे आने से पहले ही अपनी चुनावी संभावनाओं को लेकर आशंकित विपक्ष को ईवीएम के मुद्दे पर दोहरा झटका लगा है। वीवीपैट के ईवीएम से 100 फीसदी मिलान की मांग वाली याचिका को ही सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यही नहीं शीर्ष अदालत ने याचियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसी अर्जियों को बार-बार नहीं सुना जा सकता।
इस बीच कांग्रेस के नेतृत्व में 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से माँग की है कि लोकसभा चुनाव की मतगणना शुरू होते ही पहले वीवीपैट पर्चियों का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मतों के साथ मिलान किया जाए और यदि इसमें कोई गलती हो तो उस विधानसभा क्षेत्र की पूरी मतगणना वीवीपैट के आधार पर ही की जाए। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से डेढ़ घंटे की मुलाकात के बाद विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने संवाददाताओं को बताया कि चुनाव आयोग ने उनकी माँगों पर खुले मन से इस विचार करने का आश्वासन दिया है और बुधवार सुबह आयोग की बैठक में इसके बारे में फैसला किया जाएगा।
ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं: चुनाव आयोग
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ स्थानों पर ईवीएम की हेराफेरी के आरोपों को बेबुनियाद और पूरी तरह गलत बताते हुए कहा है कि ईवीएम पूरी हर तरह से सुरक्षित हैं और उसकी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। गौरतलब है कि सोमवार से सोशल मीडिया पर इन दोनों राज्यों के कुछ स्थानों पर ईवीएम को बदलने की रिपोर्टें आ रही हैं। इन रिपोर्टों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने यह स्पष्टीकरण दिया है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि आयोग के संबंधित अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, डुमरियागंज, झांसी और चंदौली तथा बिहार के सारण में ईवीएम की हेराफेरी की शिकायतों की जांच की और पाया कि वे स्ट्रांग रूम में पूरी तरह सुरक्षित हैं।
ईवीएम में हेरफेर एक और बालाकोट जैसी तैयारी है: मुफ्ती
श्रीनगर (एजेंसी)। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिक मशीनों (ईवीएम) के साथ हेरफेर को लेकर ठोस सबूत होने के बावजूद चुनाव आयोग के इस मामले में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि कि एग्जिट पोल के संदेहपूर्ण परिणाम ए बताते हैं कि ईवीएम गड़बड़ी भी बालाकोट जैसी ही तैयारी है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा,‘चिंता की बात है कि ईवीएम के साथ हेरफेर का ठोस सबूत होने के बावजूद चुनाव आयोग ने इन मामलों में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। ईवीएम के साथ हेरफेर के बाद एग्जिट पोल के संदेहपूर्ण परिणाम से पता चलता है कि एक और बालाकोट की तैयारी चल रही है। सुश्री मुफ्ती उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर सोमवार दोपहर ईवीएम से लदे वाहनों और ट्रकों की संदिग्ध आवाजाही के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं।
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