भाजपा और कांग्रेस दोनों को झेलना पड़ सकता है नुकसान
कलायत/कैथल (सच कहूं/कुलदीप नैन)। Kalayat News: कलायत हल्के में नामांकन वापसी के बाद 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए है। इनमे से 9 प्रत्याशी आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे है। इन 9 उम्मीदवारों में कुछ नेता ऐसे है जो कांग्रेस और भाजपा की टिकट के दावेदारों में शामिल थे। जब इन्हें पार्टी की तरफ से टिकट नहीं मिला तो इन्होंने पार्टी से अलग चलने का मन बनाया और निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया। Kaithal News
अब इन्ही निर्दलीय उम्मीदवारों से भाजपा और कांग्रेस के नेता घबराए हुए है। घबराना भी लाजमी है क्योंकि पार्टी से बागी हुए ये उम्मीदवार उनका बना बनाया खेल बिगाड़ सकते है। कलायत में भाजपा के बागी विनोद निर्मल और कांग्रेस के बागी सतविंद्र राणा व अनिता ढुल बढ़सीकरी चुनाव लड़ रहे हैं। Kaithal News
इस प्रकार के राजनीतिक हालत पहली बार कलायत विधानसभा में पैदा हुए हैं। इससे पहले रूठों को तुरंत मनाने में उम्मीदवार और पार्टी नेता सफलता हासिल करते रहे हैं, लेकिन इस प्रकार टिकट न मिलने के दर्द का घुट पार्टी के पुराने सिपाहियों पर गटका ही नहीं जा रहा।
कमलेश ढांडा के लिए खतरा पैदा कर सकते है विनोद निर्मल | Kaithal News
वर्ष 2009 में विधानसभा क्षेत्र से हजकां की टिकट पर चुनाव लडने वाले विनोद निर्मल पिछले काफी समय से राजनैतिक रूप से भाजपा का झंडा बुलंद करते नजर आए हैं। मौजूदा विधायक कमलेश ढांडा को भाजपा से टिकट मिलने के बाद निर्मल ने बागी तेवर ही नहीं अपनाएं बल्कि पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में ताल ठोक दी। इस बड़े उलटफेर को सही करनेके लिए कमलेश ढांडा के साथ साथ पार्टी ने हर संभव प्रयास किया।
भाजपा कदापि ये नही चाहेगी कि पार्टी के दूसरे टिकट चाहवान भी उनको किसी तरह की मदद मुहैया करवाएं।
जेपी के बयान से रोजाना बदलते जा रहे समीकरण
हिसार से सांसद जयप्रकाश ने अपने बेटे विकास को टिकट दिलवाने के लिए पूरा जोर लगा दिया और आखिर में वे टिकट दिलाने में कामयाब भी हो गए। लेकिन टिकट मिलने से पहले ही उनके दिए गए बयान ने अब टिकट मिलने के बाद कलायत की राजनीति में काफी हलचल पैदा कर दी है। जेपी के बयान से खफा और पार्टी द्वारा टिकट काटे जाने से कलायत हल्के के काफी कांग्रेसी नेता नाराज हो गए। इनमे से कुछ तो सामने आ गए लेकिन कुछ सामने नहीं आए। अब पार्टी को खतरा दोनो से है। Kaithal News
वहीं जेपी द्वारा दिए गए विवादित बयान ने भी बागियों को चुनावी मैदान में उतरने की हवा दे दी। इनमे सबसे बड़ा नाम अनीता ढुल बढ़सीकरी का आता है। अनिता ढुल ने ढुल खाप को इक्ठा किया और उनका समर्थन लेकर आजाद उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया। जेपी के विवादित बयान का असर भी देखने को मिल रहा है। जो सीट कांग्रेस को लग रहा था कि वो आसानी से जीत जायेगी, अब उस पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। आखिर में जीत किसकी होगी ये तो समय ही बताएगा लेकिन अनिता ढुल के आने से अब जेपी के लड़के विकास की राह आसान नहीं रहने वाली। अनीता ढुल अपने चुनाव प्रचार अभियान में कांग्रेस पार्टी नीतियों पर बड़े सवाल खड़ा कर रही है।
सुरजेवाला गुट के एक होर नेता चुनाव मैदान में | Kaithal News
कुछ महीने पहले ही रणदीप सिंह सुरजेवाला की अगुवाई में कांग्रेस में शामिल हुए दो बार राजौंद से विधायक रहे सतविंद्र राणा भी टिकट हासिल करने में कामयाब न हो सके। इन्होंने भी कांग्रेस से बागी होकर आजाद उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भर दिया। उन्हें हरियाणा जन सेवक पार्टी का साथ भी हासिल है। ऐसे में वे न केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि भाजपा उम्मीदवार के साथ-साथ अन्य की मुश्किल भी बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा चुनाव न लड़ने वाली श्वेता ढुल भी खुलकर जेपी के खिलाफ बोलती नजर आती है और टिकट की बड़ी दावेदार रही है। ऐसे में कांग्रेस को खतरा चारो तरफ से है।
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