- आरोप। पवन बंसल के सिर फोड़ा चंडीगढ़ निगम चुनाव की हार का ठीकरा
- एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे मनीष तिवाड़ी व पवन गुट
- हाईकमान से पवन बंसल से नेतृत्व छीने जाने की मांग
ChandiGarh, Anil Kakkar: 2014 में हरियाणा विधानसभा में मिली हार से सबक न लेते हुए चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में कांग्रेस खेमेबाज़ी के चक्कर में बड़ी हार का शिकार हो गई। हार के बाद पार्टी की अंदरूनी कलह खुल कर सामने आ गई है। पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा इन चुनावों में दूरी बनाए रखने की वजह पवन बंसल को बताया जा रहा है। मनीष तिवाड़ी एवं पवन बंसल गुट हार के बाद एक दूसरे पर आरोपों की झड़ियां लगा रहे हैं। बता दें कि गत दिवस घोषित हुए चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मनीष तिवाड़ी ग्रुप ने हाईकमान से पवन बंसल से नेतृत्व छीने जाने की मांग कर दी है। वहीं उन्होंने पवन बंसल की छवि को भी बताया हार का बड़ा कारण बताया है।
कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि पवन बंसल के चलते ही राष्टÑीय नेताओं ने चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में प्रचार नहीं किया।
मनीष तिवाड़ी कांग्रेसी नेताओं ने पवन बंसल पर आरोप लगाया कि उन्होंने गलत उम्मीदवारों का चयन किया एवं नाराज नेताओं को मनाने की कोशिश नहीं की। बता दें कि चंडीगढ़ में भाजपा की हुई जीत को पंजाब विधानसभा के लिए भाजपा एवं अकाली दल के लिए शुभ संकेत समझा जा रहा है। वहीं कांग्रेस जहां नोटबंदी के मुद्दे पर इस बार चुनाव मैदान में उतरी थी वहीं भाजपा विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में थी।
नोटबंदी की नीति पर लगी मुहर
पीएम मोदी की नोटबंदी की नीति पर चंडीगढ़ की जनता ने विश्वास दिखाते हुए जहां कांग्रेस को नकार दिया वहीं तस्वीर साफ की कि आने वाले राज्यों के चुनावों में नोटबंदी के नाम पर यदि कांग्रेस वोट मांगने गई तो फैसला कांग्रेस के हक़ में शायद ही आए। वहीं पूर्व में हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की आपसी गुटबाजी खुल कर सामने आई थी जिससे कांग्रेस अपना आधार गंवा कर चुनाव हार गई एवं हरियाणा राजनीति के इतिहास को बदल कर भाजपा बहुमत हासिल कर सरकार बना गई।