‘हमें कमेटी नहीं, एमएसपी की गारंटी चाहिए’
-
महिला किसानों में दिखा पुरूष किसानों से ज्यादा जोश
-
हरियाणवीं वेशभूषा पहनकर टिकरी बॉर्डर के लिए हुई रवाना
भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर किसानों ने फिर अंगड़ाई ली और सीधे टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना हो गए। इस दौरान पुरूषों की बजाय महिला किसानों में खासा जोश देखने को मिला। जिन्होंने कहा कि हमें कमेटी नहीं, एमएसपी की गारंटी चाहिए। भले ही पीएम मोदी ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी है, लेकिन किसान आंदोलन खत्म करने की बजाय तेज करने के मूड में हैं। इसकी बानगी आंदोलन के एक साल पूरा होने पर दिख रही है। जब हर जगह से किसान एक बार फिर दिल्ली बॉर्डर के लिए पहले से ज्यादा संख्या में रवाना हुए। खास बात ये है कि महिला किसानों में जो जोश है, वो देखने लायक है।
कुछ महिला तो हरियाणवीं वेशभूषा में सज-धजकर नारेबाजी के साथ रवाना हुई। महिला किसान नेता सुशीला घणघस ने कहा कि सरकार ये ना सोचे किसान घर वापस कर रहे हैं, बल्कि किसान तो गूंद लेकर बॉर्डर पर वापसी कर रही हैं। सुशीला घणघस ने कहा कि उन्हें कमेटी नहीं, एमएसपी की गारंटी चाहिए। वहीं ओमप्रकाश व कमल प्रधान ने कहा कि सरकार ने एक कदम बढ़ाया है। बाकी मुद्दों के समाधान के लिए एक कदम और बढ़ाए। उन्होंने कहा कि अभी एमएसपी की गारंटी, मुकदमे वापसी, मृतक किसानों के परिजनों की आर्थिक मदद, अजय मिश्रा की गिरफ्तारी, पराली व बिजली विधेयक को लेकर भी सरकार बातचीत से समाधान निकाले।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।