मुंबई (एजेंसी)। शिवसेना अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य की सत्ता खोने के बाद शिवबंधन बनाने का विचार कर रहे हैं जिससे नेता एवं कार्यकर्ता पार्टी के प्रति वफादार रहें। सूत्रों के मुताबिक पार्टी को मजबूत करने के लिए शिवबंधन के तहत शिवसेना विधायकों, नगरसेवकों और अन्य पदाधिकारियों को ठाकरे के नेतृत्व में अपना विश्वास व्यक्त करते हुए एक हलफनामा लिखना होगा। हलफनामे में लिखना होगा कि उन्हें ठाकरे के नेतृत्व में दृढ़ विश्वास है और उनका बिना शर्त समर्थन जारी रहेगा।
पार्टी ने कहा कि शिवसैनिकों, पदाधिकारियों, पार्षदों और विधायकों के लिए भी हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों के विद्रोह के बाद शिवसेना ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उनके नेतृत्व में शिवसेना के 39 विधायकों ने विद्रोह किया, जिससे ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा। शिवसेना नेतृत्व ने बड़ी संख्या में पार्टी विधायकों को शिंदे खेमे में जाने से रोकने के लिए यह फैसला किया है। इस बीच शिवसेना ने शिंदे को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्तगी के निर्णय की घोषणा शुक्रवार की रात की गई थी।
भाजपा की मुम्बई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश: राउत
शिवसेना प्रवक्ता एवं सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री का पद देकर महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करने की साजिश रच रही है और वह शिवसेना की ताकत को कमजोर करना चाहती है। राउत ने शनिवार को यहां संवाददताओं से बातचीत में कहा कि शिवसेना और ठाकरे एक सिक्के के दो पहलू हैं तथा ठाकरे जहां हैं, वहां शिवसेना है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने और शिवसेना को हराने के लिए शिंदे के कंधे पर बंदूक रख कर चला रही है।
राउत ने विश्वास व्यक्त किया कि शिवसेना का झंडा मुंबई में लहराता रहेगा। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर बात करते हुए सांसद राउत ने कहा कि फडणवीस के लिए अपने नाम के आगे उपमुख्यमंत्री लिखना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि नयी राज्य सरकार को महाराष्ट्र और मुंबई दोनों के लिए बिना किसी राजनीतिक द्वेष के काम करना चाहिए।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।