चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। दिल्ली बॉर्डर पर किसान का आंदोलन खत्म हो गया है, शनिवार को किसानों ने घर वापिसी कर रहे हैं। सफल वापिसी के बाद कुछ दिन किसान अपनी थकावट उतारने के बाद मिशन पंजाब शुरू करेंगे। जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा किसानों की कर्ज माफी का होगा। ताकि पंजाब सरकार द्वारा किसानों की लंबित मांगों का समाधान करवाया जा सके। इसमें सबसे अहम मुद्दा कर्ज माफी का होगा। किसान संगठनों ने गुप्त तरीके से अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है, जिससे चन्नी सरकार घबरा गई है, क्योंकि विधानसभा चुनावों में केवल एक महीने का समय बाकी रह गया है।
ऐसे में यदि किसानों ने पंजाब में चन्नी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला तो कांग्रेस को चुनावों में भारी नुक्सान होगा। इसे देखते हुए पंजाब में कांग्रेस सरकार भी सहम गई है। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने 17 दिसंबर को 11 बजे पंजाब भवन में किसान नेताओं की मीटिंग बुला ली है। इसके लिए किसान नेताओं को निमंत्रण पत्र भी भेजना शुरू कर दिए हैं, ताकि वे कोई भी फैसला लेने से पहले 17 दिसंबर तक का इंतजार करें। दरअसल, 2017 में हुए विस चुनाव में कांग्रेस सरकार किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था। जिसमें सरकारी-प्राइवेट बैंकों के अलावा आढ़तियों का कर्जा तक माफ करने का दावा था। हालांकि किसानों का कहना है कि अभी तक सबका कर्जा माफ नहीं हुआ है।
किसान आंदोलन खत्म होने से कांग्रेस के लिए पंजाब में दोहरी मुश्किल खड़ी हो गई है। पहला कांग्रेस के हाथ से पंजाब में बड़ा मुद्दा छिन गया। कांग्रेस किसान आंदोलन के बहाने भाजपा और खासकर अकाली दल को घेरने में जुटी थी। यह आसान भी था क्योंकि अकाली दल कानून बनाते वक्त केंद्र सरकार में था। दूसरा, किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा गर्माएगा। जिससे चुनाव में किसान वोट बैंक की मुश्किल खड़ी होगी। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के लिए आखिरी वक्त में यह वादा पूरा करना बड़ी चुनौती रहेगी, क्योंकि इसमें ऐलान नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर काम दिखाना होगा।
किसानों की मीटिंग में नहीं बनी थी सहमति: कुछ समय पहले मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने पंजाब के किसान संगठनों से चंडीगढ़ में मीटिंग की थी। तब करीब 18 मुद्दों पर सहमति बन गई थी। हालांकि कर्ज माफी वाला मुद्दा लटक गया था। मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा था कि वह इस बारे में रिपोर्ट लेकर किसानों से फिर मीटिंग करेंगे। हालांकि इसके बाद सरकार ने कोई मीटिंग नहीं की। अब चूंकि किसान संगठन घर लौट रहे हैं तो सरकार और कांग्रेस पार्टी की चिंता बढ़ गई।
केंद्र को घेरने की कोशिश कर चुके चन्नी: पंजाब में कर्ज माफी के मुद्दे को मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी भी भांप गए थे। इसलिए कुछ दिन पहले उन्होंने कर्ज माफी में केंद्र सरकार को घसीटने की कोशिश की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूर्ण कर्जमाफी की पहल करने को कहा। सीएम को उम्मीद थी कि संयुक्त किसान मोर्चा इस मुद्दे को भी केंद्र से वार्ता में शामिल कर सकता है। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। उलटा अकाली दल और भाजपा ने आरोप लगाया कि सीएम कांग्रेस के वादे को केंद्र से पूरा करवाना चाहते हैं।
पंजाब की बड़ी किसान संगठन उगराहां के नेता सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा है कि दिल्ली से लौट रहे किसानों का फूलों की वर्षा से स्वागत किया जा रहा है व पंजाब में जश्न का माहौल है। इसीलिए किसान जब कुछ दिन इस जश्न के माहौल से बाहर निकलेंगे तो मिशन पंजाब का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में हर हालात में धरने लगाए जाएंगे व सरकार से सभी मांगों को पूरा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह तक किसान संगठन अपने कार्यक्रम का ऐलान कर देंगे।
पंजाब के किसान मुकम्मल कर्ज माफी, नुक्सान हुई फसल के मुआवजे में वृद्धि, आत्महत्या करने वाले किसानों को परिवारों को मिलने वाले मुआवजे में बढ़ौतरी सहित दर्जन भर मांगों को लेकर किसान संगठन जल्द ही धरना लगाने का ऐलान करेंगे।
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