सुप्रीम कोर्ट में अब 31 जज, सरकार ने 2008 में पद 26 से बढ़ाकर 31 किए थे
- नए जजों में जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल
- जस्टिस गवई 2025 में 6 महीने के लिए चीफ जस्टिस बनेंगे, जस्टिस सूर्यकांत उनके उत्तराधिकारी होंगे
नई दिल्ली | चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अब शीर्ष अदालत में जजों की निर्धारित संख्या (31) पूरी हो गई है। नए जजों में जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। कॉलेजियम ने पिछले दिनों इनके नामों की सिफारिश केंद्र के पास भेजी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को चार जजों की नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया था। सरकार ने 2008 में सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 26 से बढ़ाकर 31 की थी। इसके बाद यह पहला मौका है, जब सुप्रीम कोर्ट में जजों का कोई पद खाली नहीं है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट 27 जजों के साथ काम कर रहा था।
- जस्टिस गवई 2025 में 6 महीने के लिए सीजेआई बनेंगे
वरिष्ठता क्रम के मुताबिक, जस्टिस गवई 2025 में 6 महीने के लिए चीफ जस्टिस बनेंगे। वह जस्टिस (रिटायर्ड) केजी बालकृष्णन के बाद अनुसूचित जाति से आने वाले दूसरे सीजेआई होंगे। इसके बाद जस्टिस सूर्यकांत उनके उत्तराधिकारी होंगे और नवंबर 2025 से फरवरी 2027 तक सीजेआई का पद संभालेंगे। जस्टिस गवई बॉम्बे हाईकोर्ट के जज, जबकि जस्टिस सूर्यकांत हिमाचल प्रदेश हाईकोेर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
- कॉलेजियम ने दोबारा भेजी थी जस्टिस बोस और बोपन्ना की सिफारिश
केंद्र ने वरिष्ठता का हवाला देकर जस्टिस बोस और बोपन्ना की नियुक्ति की कॉलेजियम की सिफारिश को नकार दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र की दलील को खारिज करते हुए नियुक्ति की सिफारिश दोबारा केंद्र के पास भेज दी थी। जस्टिस बोस झारखंड हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस थे और जजों की वरिष्ठता के क्रम में 12वें नंबर पर हैं। वहीं, जस्टिस बोपन्ना गुवाहाटी हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस थे और जजों की वरिष्ठता के क्रम में 36वें नंबर पर हैं।
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