सब-रजिस्ट्रार ऑफिस पर अधिवक्ताओं का धरना-प्रदर्शन

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हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर न्यायिक कार्यों से विरत रहे अधिवक्ता

हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर न्यायिक कार्यों से विरत रहे अधिवक्ता

  • सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे डीएम शामली को सौंपा प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन-पत्र | Kairana News

कैराना (सच कहूँ न्यूज)। हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के आह्वान पर बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों से विरत रहकर उप-निबंधक कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन-पत्र डीएम शामली को सौंपकर पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित किये जाने की मांग की। Kairana News

शनिवार को हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के आह्वान पर बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहे। इस दौरान अधिवक्ताओं ने बार अध्यक्ष ठाकुर राजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में तहसील मुख्यालय पर स्थित उप-निबंधक कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया। करीब दो घंटे के धरना-प्रदर्शन के पश्चात अधिवक्ता नारेबाजी करते हुए तहसील के सभागार कक्ष में पहुंचे। जहां पर उन्होंने देश के प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन-पत्र सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे जिलाधिकारी शामली रवींद्र सिंह को सौंपा। ज्ञापन-पत्र में बताया कि पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के 22 जिलों का उच्च न्यायालय का न्याय क्षेत्र हाईकोर्ट इलाहाबाद में निहित है।

पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के अंतिम गांव से इलाहाबाद उच्च न्यायालय की दूरी करीब 800 किलोमीटर है। वेस्ट यूपी में लगभग छह करोड़ लोग निवास करते है, जिनमें से 80 लाख लोगों के वाद प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों तथा करीब तीन लाख वाद/अपील उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन है। उन्हें न्याय प्राप्त करने के लिए 800 किलोमीटर दूर उच्च न्यायालय जाने के लिए काफी मात्रा में धन का व्यय करना पड़ता है। महाराष्ट्र, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की जनसंख्या उत्तर-प्रदेश से काफी कम है। परन्तु वहां पर उच्च न्यायालय की दो-दो खंडपीठ स्थापित है। उच्च न्यायालय अत्यधिक दूर होने के कारण पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के वादकारियों को न्याय प्राप्त करने में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। Kairana News

विगत 1958 से 22 जिलों के अधिवक्ता पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित किये जाने की मांग करते आ रहे है, जिसे आज तक किसी ने नही सुना है। उच्च न्यायालय की अत्यधिक दूरी संविधान के सस्ते व सुलभ न्याय की अवधारणा के भी विपरीत है। गरीब वादकारी को समय पर न्याय न मिल पाना भी संविधान का उल्लंघन है। ज्ञापन-पत्र में 80 लाख वादकारियों की भावनाओं एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुए वेस्ट यूपी में उपयुक्त स्थान पर हाईकोर्ट बेंच स्थापित किये जाने की मांग की गई है। इस दौरान बार महासचिव आलोक चौहान, अशोक कुमार, नसीम अहमद, मनोज पुंडीर, राजकुमार चौहान, आदित्य चौहान, शगुन मित्तल, अनुज रावल, योगेंद्र सिंह, नीरज चौहान, शक्ति सिंघल, आस मोहम्मद, वसीम अहमद, अनुभव स्वामी आदि अधिवक्तागण मौजूद रहे। Kairana News

जर्जर कैंटीन की इमारत ध्वस्त कराने की मांग | Kairana News

शनिवार को बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं ने कैराना पहुंचे डीएम शामली रवींद्र सिंह को एक प्रार्थना-पत्र दिया। बताया कि कैराना में 1889 से न्यायिक कार्य चल रहा है। वर्ष 2018 में यहां पर जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना हो गई थी। जनपद न्यायालय परिसर में वर्तमान समय में करीब पांच सौ अधिवक्ता न्यायिक कार्य करते है।

न्यायालय परिसर में स्थित अभियोजन कार्यालय की बराबर में कैंटीन की एक जीर्ण-शीर्ण इमारत खड़ी हुई है, जोकि पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। उक्त इमारत के आसपास से अधिकांश अधिवक्ताओं एवं वादकारियों का आवागमन रहता है। इमारत के जर्जर होने के कारण हादसे की प्रबल आशंका बनी हुई है। पत्र में जनहित को ध्यान में रखते हुए जर्जर हो चुकी कैंटीन की इमारत को ध्वस्त कराए जाने की मांग की गई है। Kairana News

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