फाजिल्का (रजनीश रवि) । पशुओं की उचित देखभाल के लिए उप निदेशक पशुपालन फाजिल्का श्री राजीव छाबड़ा ने पशुपालकों को अवगत कराते हुए (Weather Punjab) कहा कि मई-जून का गर्मी का महीना पशुओं के लिए काफी संवेदनशील होता है. चिचढ़, जूं, मच्छर आदि से बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। तापमान बढ़ने से पशुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे श्वसन दर बढ़ जाती है और पशुओं की भूख कम हो जाती है, जिससे पशुओं की रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है और पशु कम दूध देता है। वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है।
ऐसे में पशुपालकों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे पशुओं को खुले हवादार शेड में या किसी छायादार पेड़ के नीचे रखना। पशुओं के शरीर के तापमान को स्थिर रखने के लिए खुले में साफ और पशुओं के पीने के लिए हर समय अतिरिक्त पानी उपलब्ध होना चाहिए। काले नमक की ईंट का प्रयोग करना चाहिए।
पशु चिकित्सक की सलाह से समय पर पशुओं के पेट के कीड़े मरे जाए तथा पशुओं को विभिन्न संक्रामक रोगों से बचाने के लिए विभाग द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण अभियानों के माध्यम से टीकाकरण कर पशुओं को बीमारियों से बचाया जाए। निकटतम पशु स्वास्थ्य संगठन की सहायता ली जानी चाहिए ताकि समय-समय पर होने वाले प्रबंधन परिवर्तनों की जानकारी प्राप्त की जा सके। इन बातों को ध्यान में रखकर पशुपालक गर्मी के दिनों में अपने पशुओं की सामान्य से अधिक देखभाल कर अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।