फिरोजपुर : चाईनीज डोर से तौबा, प्रशासन ने देसी डोर से मनाया बसंत पंचमी पर्व

Basant Panchami Festival

चाईना डोर को रोकने के लिए देसी डोर की चरखियां लेकर घरों की छतों पर पहुंचे विधायक, डीसी व एसएसपी |  Basant Panchami Festival

फिरोजपुर(सच कहूँ/सतपाल थिन्द)। गुरूवार को छाई घनी धुंध के कारण फीका पड़ रहे (Basant Panchami Festival) बसंत पंचमी क त्योहार में उस समय पर रौणकें लगनी शुरू हो गई जब धुंध की परवाह किए बिना लोगों ने आसमान में पतंग चढ़ाने शुरू कर दिए लेकिन सिर नीचा करने वाली बात यह महसूस हुई कि पतंग उड़ाने के लिए अधिकतर लोगों ने चाईना डोर का प्रयोग किया। चाईना डोर के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए बसंत पंचमी के त्योहार पर विधायक फिरोजपुर शहरी परमिन्दर सिंह पिंकी, डिप्टी कमिशनर चंद्र गेंद और एसएसपी विवेकशील सोनी ने पहल करते देसी डोर की चरखियां लेकर अपने घरों की छतों पर पतंग उड़ाने वाले लोगों के बीच पहुंचे। यहां उनसे चाईना डोर वापस लेकर उनको देसी डोर की चरखियां बांटी व खुद देसी डोर के साथ पतंग उड़ाकर बसंत का त्योहार मनाया।

डीजे की धुन पर नाच-गा रहे लोगों के साथ उन्होंने न सिर्फ पतंग उड़ाए बल्कि उनके साथ बैठ कर बसंत पंचमी और खास तौर बनने वाले पकवानों का भी आनंद लिया। विधायक पिंकी ने बताया कि फिरोजपुर की बसंत पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और हर साल देश-विदेश में रहने वाले पंजाबी बसंत मनाने के लिए खास तौर पर फिरोजपुर आते हैं। विधायक परमिन्दर सिंह पिंकी, डिप्टी कमिशनर चंद्र गेंद और एसएसपी विवेकशील सोनी दिन भर फिरोजपुर शहर और फिरोजपुर छावनी के कई क्षेत्रों में पहुँचे और यहां घरों की छतों पर पहुंचकर उन्होंने पतंगें उड़ाई।

विदेशों से लोग बसंत देखने पहुंचे | Basant Panchami Festival

देश-विदेश में मशहूर फिरोजपुर की बसंत देखने के लिए न्यूयार्क से खास तौर पर इन्द्रा पुरी अपने पति के साथ फिरोजपुर आई है। इसी तरह कनाडा से दीपक धवन अपने दोस्तों के साथ फिरोजपुर पहुंचे। इस मौके इन्द्रा पुरी ने बताया कि वह पहली बार फिरोजपुर में बसंत पंचमी का त्यौहार देखने आई है और यहां यह सब कुछ देख कर उनको काफी खुशी मिली है कि विधायक, डीसी और एसएसपी आम लोगों के बीच जाकर पतंग उड़ा रहे हैं और त्योहार मना रहे हैं।

वातावरण प्रेमी नष्ट करते रहे चाईना डोर

बसंत ॠतु की आमद और पतंगों भी खूब उड़े व हर तरह की डोर खास कर चीनी डोर की पाबंदी के बावजूद बड़े स्तर पर प्रयोग में लाई गई। इस संबंधी बीड़ से मास्टर गुरप्रीत सिंह ने बताया कि यह डोर केवल एक दिन ही नहीं बल्कि तब तक नुक्सान करती रहती है जब तक इसे एकत्रित कर नष्ट नहीं कर दिया जाता क्योंकि यह डोर प्राकृतिक हालातों में अपने आप खत्म नहीं होती और वृक्षों, छतों, बनेरों आदि पर लटकते समय तक नुक्सान करती रहती है।

उन्होंने बताया कि इस बार डोर शहर में इतनी अधिक मात्रा में फैली हुई है कि इसे खत्म करना एक दो संस्थाओं के बस की बात नहीं सो उन्होंने सभी शहर निवासियों को अपने आसपास फैली डोर इकट्ठी कर नष्ट करने का प्रयास करने की अपील की और कई स्थानों पर डोर एकत्रित कर नष्ट करने के कार्य भी किए।

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