पराली का धुआं कोरोना मरीजों के लिए खतरनाक
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किसानों को जागरूकर करने के लिए गांवों में लगेंगे विशेष शिविर
संगरूर (सच कहूँ/गुरप्रीत सिंह)। पंजाब सरकार की हिदायत पर एडीसी संगरूर अनमोल सिंह धालीवाल द्वारा नंबरदारों से धान की पराली न जलाने व कोविड प्रबंधों पर विचार चर्चा की गई। एडीसी ने कहा कि महामारी से बचाव हेतु सभी को मिलकर लड़ने की जरूरत है। गांव स्तर पर नंबरदारों की बड़ी भूमिका है। समूह नंबरदार अपने क्षेत्रों में लोगों को कोविड संबंधी जागरूक करना यकीनी बनाएंगे। कोविड एक वायरल बीमारी है, जो एक से दूसरे शरीर में छूने या किसी की इस्तेमाल चीज खाने, लगाने व छीकने से जरिए फैलती है। इसका वायरस फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि फेफड़ों की तंदरुस्ती पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि धान की पराली से निकला धुंआ फेफड़ों पर अधिक असर डालता है, इससे सांस के मरीज का दम घुटने लगता है, चक्कर आने लगते हैं। कई बार कमजोर मरीज बेहोश हो जाता हैं। इसलिए किसानों से अपील की जाए कि वह धान की पराली को आग के हवाले न करें। इसके अलावा पर्यावरण को भी प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक करने हेतु समूह गांव में जिला प्रशासन की तरफ से विशेष कैंप लगाए जाएंगे। कैंप के जरिये किसानों को पराली के दुष्प्रभावों बाबत प्रेरित किया जाएगा। इस मौके पर जिला माल अफसर गगनदीप सिंह, रण सिंह, तेजा सिंह, हरजिदर सिंह, परमजीत सिंह, कुलदीप सिंह, दरबारा सिंह, हरबंस सिंह, हरविदर सिंह आदि उपस्थित थे।
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