कैराना (सच कहूँ न्यूज)। एसडीएम कैराना ने हाइवे निर्माण कम्पनी के ठेकेदारों, मुख्य अभियंता तथा परियोजना प्रबंधक को थ्री-डी की प्रक्रिया पूर्ण किये बगैर किसानों की भूमि पर निर्माण हेतु कब्जा करने पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी है। एसडीएम के तल्ख तेवर से हाइवे निर्माण कंपनी के ठेकेदारों के होश फाख्ता है।
क्या है मामला
एसडीएम कैराना शिवप्रकाश यादव ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) द्वारा तहसील क्षेत्र के ग्राम कण्डेला में स्थित गाटा संख्या-868, 778 व 573 तथा शेखूपुरा के गाटा संख्या- 290 व 369 की भूमि की थ्री-डी की प्रक्रिया पूर्ण नही की गई है, जबकि इन खेतों की भूमि को निमार्णाधीन हाइवे के लिए अधिग्रहण किया जाना है। हाइवे निर्माण कंपनी के ठेकेदार थ्री-डी की प्रक्रिया पूर्ण होने से पूर्व ही इन खेतों पर कब्जा करके निर्माण करना चाह रहे है।
जोकि गैर-कानूनी है। एसडीएम ने कहा कि थ्री-डी की प्रक्रिया पूर्ण होने से पहले कब्जा कर निर्माण किये जाने पर हाइवे निर्माण कंपनी के ठेकेदारों, मुख्य अभियंता तथा परियोजना प्रबंधक के खिलाफ सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराकर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही, राजस्व विभाग द्वारा निर्माण कंपनी द्वारा किये गए कब्जे को भी हटवाया जाएगा। वही, एसडीएम की चेतावनी से हाइवे निर्माण कंपनी के ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है।
क्या होती है थ्री-डी की प्रक्रिया
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) व जिला प्रशासन द्वारा किसी भी भूमि के अधिग्रहण से पूर्व थ्री-डी की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है। इसके तहत सबसे पहले थ्री-ए का गजट प्रकाशित कराया किया जाता है, जिसमें किसानों की भूमि के अधिग्रहण सम्बन्धी सूचना होती है। इसके बाद राजस्व विभाग, एनएचएआई व वन विभाग द्वारा अधिग्रहण की जाने वाली भूमि की पैमाइश की जाती है।
इसके उपरांत थ्री-बी नक्शा तैयार किया जाता है और दावे तथा आपत्तियां प्राप्त की जाती है। इसके बाद थ्री-सी नक्शा तैयार होता है। इन सबके बाद सबसे आखिर में थ्री-डी नक्शा तैयार होता है। नक्शे में अधिगृहीत होने वाली भूमि की पैमाइश का पूर्ण विवरण होता है। इसके अनुसार ही अधिग्रहण की जाने वाली भूमि का मुआवजा दिया जाता है।
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