कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने लगाया प्रति एकड़ चार हजार जुर्माना
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गत वर्ष 14 किसानों पर नियमों की उल्लंघना पर लगाया गया था जुमार्ना
करनाल (सच कहूँ न्यूज)। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि हरियाणा उप मृदा जल संरक्षण अधिनियम की उल्लंघना करने पर विभाग द्वारा किसानों के खिलाफ कार्यवाही की गई। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा गिरते भू-जल स्तर को बचाने के लिये (Paddy) धान की रोपाई का समय 15 जून निश्चित किया गया है, लेकिन बावजूूद इसके कुछ किसान बार-बार इसकी उल्लंघना करते हैं। इस बारे विभाग द्वारा उपरोक्त कानून की उल्लंघना करने वाले गांव और किसानों को चिन्हित कर हरियाणा उप मृदा जल संरक्षण अधिनियम 2009 की धारा-6 के तहत नोटिस जारी किये गये थे, लेकिन किसानों द्वारा इसको गम्भीरता से नहीं लिया गया। जिला प्रशासन द्वारा इसे गम्भीरता से लेते हुए प्रशासन ने उल्लंघना करने वाले किसानों के खिलाफ अधिनियम के तहत फसल को नष्ट करने एवं 4 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रतिमाह जुर्माना करने के निर्देश दिए।
धान की पनीरी व रोपाई किये गये खेतों को किया नष्ट
गत वर्ष भी प्रशासन द्वारा जिला के 14 किसानों पर नियमों की उल्लंघना करने पर जुमार्ना लगाया गया था। सोमवार को को ड्यूटी मजिस्ट्रेट अश्विनी कुमार की अगुवाई में डॉ. दिनेश शर्मा, उप मण्डल कृषि अधिकारी, करनाल व डॉ. सुनील बजाड़, गुण नियंत्रण निरीक्षक, करनाल की मौजूदगी में गांव दरड़, संगोहा, माखुमाजर, रम्बा और सलारपुरा में समय से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए धान की पनीरी व रोपाई किये गये खेतों को नष्ट कर दिया गया।
15 जून से पहले न करें धान की रोपाई
उप कृषि निदेशक ने किसानों से आग्रह किया है कि वे धान की रोपाई 15 जून से पहले न करें, ताकि गिरते भू-जल स्तर को बचाया जा सके। विभाग द्वारा किसानों को धान की सीधी बिजाई करने के लिये भी प्रेरित किया और यह भी बताया गया है कि सीधी बिजाई करने पर हरियाणा सरकार द्वारा 4 हजार रुपये प्रति एकड का अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बिजाई करने पर लगभग 30 प्रतिशत पानी की बचत होती है। इस मौके पर खण्ड कृषि अधिकारी, करनाल डा. गौरव मैहला व सभी कृषि विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
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