हाईकोर्ट के वकील ने एफआईआर रद्द करने की मांग की
कैथल (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के कैथल में सिविल अस्पताल के कोविड वार्ड में रस्सियों से बंधे मरीज का वीडियो वायरल (Viral Video) प्रकरण में वीडियो शूट करने वाले युवक के खिलाफ जहां पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा डालने और सुरक्षाकर्मियों से धक्कामुक्की करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है वहीं एक वकील ने यह प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है और मुख्य सचिव से लेकर पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को युवक के खिलाफ कोई दबावात्मक कार्रवाई न करने को कहा है।
बदसुई गांव के हरदीप नामक युवक ने 10 मई को यह वीडियो बनाया था, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हरदीप के अनुसार दस मई को वह अपने एक रिश्तेदार से मिलने ड्यूटी स्टाफ से अनुमति के बाद वार्ड में गया था। वहां उसने एक मरीज को बिस्तर पर रस्सियों से बंधे पड़े देखा और एक महिला को टॉयलेट के निकट देखा। उसने इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाला जो वायरल हो गया।
पुलिस ने इस प्रकरण में डॉ. राजीव मित्तल (वार्ड के प्रभारी) की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। हरदीप के अनुसार डॉक्टर ने दावा किया है कि घटना 11 मई की है जबकि उनके वार्ड में भर्ती रिश्तेदार की 10 मई की शाम को मौत हो गई थी तो दूसरे दिन अस्पताल जाने का उसके पास कोई कारण नहीं था।
इस बीच पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील प्रदीप रापड़िया ने हरदीप की तरफ से मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अवर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) और स्वास्थ्य महानिदेशक को नोटिस भेजकर कहा है कि वार्ड के हालात बेनकाब करने वाले ‘व्हिसल ब्लोअर’ के खिलाफ कोई दबावात्मक कार्रवाई न की जाए और प्राथमिकी रद्द की जाए अन्यथा उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्देशों के मद्देनजर अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है।