अकाउंट एग्रीगेटर ओपन बैंकिंग की दिशा में पहला कदम

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नई दिल्ली (एजेंसी)। वित्तीय डेटा-साझा प्रणाली ‘अकाउंट एग्रीगेटर’ (एए) नेटवर्क न सिर्फ निवेश और ऋण के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है बल्कि यह ओपन बैंकिंग की दिशा में भी पहला कदम है और इसके लिए अभी चार ऐप डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं, (फिनव्यू, वनमनी, सीएएमएस फिनसर्व, और एनएडीएल) जिनके पास एए होने के लिए परिचालन लाइसेंस हैं। तीन और को (फोनपे, योडली और परफियोस) आरबीआई से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है और वे जल्द ही ऐप लॉन्च कर सकते हैं। पिछले सप्ताह इसका अनावरण किया गया था। इससे लाखों उपभोक्ताओं को अपने वित्तीय रिकॉर्ड के उपयोग पर आसान पहुंच और नियंत्रण मिल सकता है और ऋण प्रदाता तथा फिनटेक कंपनियों के लिए ग्राहकों की संभावित संख्या में अत्यधिक विस्तार हो सकता है।

अकाउंट एग्रीगेटर व्यक्ति को अपने व्यक्तिगत वित्तीय डेटा पर नियंत्रण के साथ सशक्त बनाता है, जो डेटा सामान्यतया अलग-थलग और आसान पहुँच से बाहर रहते हैं। यह भारत में ओपन बैंकिंग की व्यवस्था शुरू करने की दिशा में पहला कदम है, जो लाखों ग्राहकों को सुरक्षित और कुशल तरीके से अपने वित्तीय डेटा तक डिजिटल रूप में पहुँचने और इसे अन्य संस्थानों के साथ साझा करने के लिए सशक्त बनाता है। बैंकिंग में अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली, भारत के आठ सबसे बड़े बैंकों के साथ शुरू की गई है। अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली ऋण और धन प्रबंधन को बहुत तेज और किफायती बना सकता है।

अकाउंट एग्रीगेटर आरबीआई द्वारा विनियमित एक ऐसी इकाई है, (एनबीएफसी-एए लाइसेंस के साथ) जो किसी व्यक्ति को सुरक्षित और डिजिटल रूप में एक वित्तीय संस्थान से प्राप्त अपने खाते की जानकारी को एए में शामिल किसी अन्य विनियमित वित्तीय संस्थान के साथ साझा करने में मदद करती है। व्यक्ति की सहमति के बिना डेटा को साझा नहीं किया जा सकता है। ऐसी सुविधा देने वाले कई अकाउंट एग्रीगेटर होंगे और उपभोक्ता जिसे चाहे उसे चुन सकता है। अकाउंट एग्रीगेटर आपके डेटा के प्रत्येक उपयोग के लिए ‘रिक्त चेक’ स्वीकृति के लंबे नियम और शर्तों के बदले एक संक्षिप्त, चरण-दर-चरण अनुमति और नियंत्रण का प्रस्ताव देता है।

 

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