घग्घर नदी से सटे लगभग तीन दर्जन गांव झेलते है बाढ़ का कहर

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Kaithal News: घग्घर नदी गुहला चीका फाइल फोटो

सरकारी और प्रशासन नहीं कर पाए कोई स्थाई समाधान, सिर्फ वादे और दावे करते है नेता

  • लोगो की मांग घग्घर नदी की करवाई जाए खुदाई

गुहला चीका (सच कहूँ न्यूज)। Guhla Cheeka News: गुहला चीका से होकर गुजर रही घग्घर नदी यहां के इलाका वासियों के लिए खौफ का कारण बनी हुई है। वर्ष 2023 के दौरान घग्गर नदी में लगभग 45 हजार 403 क्यूसेक पानी का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था। सरौला गांव के पास घग्गर नदी के पानी की निकासी के लिए बनाए गए साइफन की क्षमता कई हजार क्यूसेक पानी की है। इसके चलते सौगलपुर व सींह गांव के पास आकर मारकंडा नदी व घग्गर नदी का संगम होता है। इस से लेकर पंजाब से सटा गांव भाटिया तक घग्गर नदी के दोनों तरफ के करीब 35 गांवों के लोगों की मुसीबत बढ़ गई थी।

किसानों का कहना है कि सरस्वती बोर्ड हर बार घग्गर नदी की दीवार को सीमेंट व लोहे के सरिये से बनाने की बात करते हैं। मगर आज तक प्रशासन ने घग्गर नदी की दोबारा सुध नहीं ली। किसानों ने कहा कि कर्मचारी अधिकारी सिर्फ कागजातों में ही घग्गर नदी को पक्का कर देते हैं। बाढ़ के दौरान गुहला क्षेत्र में दौरा करने वाले सभी बड़े नेता बड़े बड़े वादे करते है लेकिन बाद में सब भूल जाते है। इस अनदेखी का शिकार गुहला लगातार होता आया है। सरकार व प्रशासन भी कोई बड़े प्रबंध नहीं करता जिसके चलते इन गांवों के लोग डर के से में रहते है। Kaithal News

पिछली बार बाढ के समय क्षेत्र के लोगों ने आपसी भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए दिन-रात निगरानी करके और उचित प्रबंध करके इस क्षेत्र में घग्गर नदी को टूटने से बचाने की भरपूर कोशिश की थी। किसानों का कहना है कि ऐसे हालात हर साल बनते हैं और हर साल नेता इस समस्या के स्थायी समाधान का वादा करते हैं, लेकिन वादों के अलावा इस क्षेत्र की जनता को कुछ नहीं मिलता। किसानों का कहना है कि गुहला से लेकर दिल्ली तक के नेताओं से इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की, लेकिन वायदों के अलावा उनको कुछ नहीं मिला है।

नेता सिर्फ वादे करते है | Kaithal News

घग्गर नदी के स्थायी समाधान के लिए धार को 200 फीट चौड़ा और करीब 30 फीट गहरा बन जाने नदी के किनारों को मजबूत करने और सरौला हेड की सफाई करने और साइफन को बड़ा करने, घग्गर नदी को खोदने की मांग उसे समय की भाजपा जजपा सरकार से की थी, लेकिन आज तक नेताओं ने वादों के सिवा कुछ नहीं दिया है। पूर्व की गठबंधन सरकार ने समस्या का समाधान करने का वादा किया था, मगर समस्या अभी तक ज्यों की त्यों पड़ी है।                                                                                                              -जरनैल सिंह जैली, नेता, भाकियू चढूनी गुट।

घग्गर नदी की अनेक समस्याओं पर अगर समय रहते विचार करके समाधान नहीं किया गया तो गुहला क्षेत्र में बड़ा नुकसान हो सकता है। आज भी किसान घग्गर नदी को लेकर अनेक मांग कर रहे हैं मगर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। घग्गर नदी के एरिया को सरकार ने डार्क जोन में घोषित किया हुआ है। नदी की धार की खुदाई हो तो पानी का लेवल भी ऊपर आ सकता है।
                                                                               -हरजिंदर नंबरदार, सीड़ा तोमर खाप प्रवक्ता।

घग्घर में डाला जाता है सीवर का दूषित पानी

आसपास के गांव व शहरों से सीधा सीवर का दूषित पानी घग्गर नदी में डाला जा रहा है। जबकि पानी को साफ करके उन्हें नदियों में डाला ना चाहिए लेकिन इस पर कोई विचार नहीं किया जाता है। किसान काफी समय से इस समस्या से
परेशान है। गंदे पानी की वजह से आस पास के इलाकों के किसानों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। सरकार की समय रहते घग्गर नदी से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना चाहिए ताकि हर वर्ष होने वाले बाढ़ के खतरे से बचा सके। केवल सदरहेडी, भाकियू चढूनी जिला उपाध्यक्ष। Kaithal News

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