यूपीएससी की पहली परीक्षा परिणाम में 16वीं रैंक मिली,मगर मन संतुष्ट नहीं हुआ, इसलिए दोबारा ट्राई किया तो 12वीं रैंक मिली।
भूना (सच कहूँ/विकास)। गोरखपुर गांव के निवासी अभिनव सिवाच ने यूपीएससी की परीक्षा में देशभर में 12वीं रैंक हासिल की है। अभिनव सिवाच (Abhinav Siwach) ने सोमवार को जारी परीक्षा परिणाम में अपने बुलंद हौसले दिखा दिए। अभिनव सिवाच को आईएएस बनने का ऐसा जुनून पैदा हुआ कि उन्होंने वर्ष 2018 में कोलकाता के मल्टीनेशनल कंपनी में सलाहकार की नौकरी को छोड़ दी थी। वहां उनको 35 लाख रुपये का प्रतिवर्ष पैकेज मिल रहा था।
वही वर्ष 2019 नायब तहसीलदार पद पर सरकारी नौकरी मिल गई थी। मगर अभिनव सिवाच का एकमात्र लक्ष्य आईएएस बनना था। इसलिए उन्होंने नायब तहसीलदार के पद पर रहते हुए टोहाना, भूना व हिसार में सामाजिक एवं जनहित कार्यों को करने के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करके उपलब्धि का यह मुकाम हासिल किया।
बेटे ने भी दो कदम आगे बढ़कर गांव का किया नाम रोशन | (IAS Toppers)
गोरखपुर निवासी सतबीर सिवाच सिरसा में आबकारी एवं कराधान उपायुक्त के पद पर तैनात हैं। इसलिए अभिनव सिवाच ने अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए आईएएस बन गए है। उन्होंने देश भर में 12वां रैंक हासिल किया है। इसलिए गोरखपुर में सोमवार को अपने लाडले के दूसरी बड़ी उपलब्धि हासिल करने पर आईएएस अभिनव सिवाच की जन्म भूमि गोरखपुर में खूब उत्सव मनाया गया।
गांव गोरखपुर वासी प्रताप सिंह सिवाच, सरपंच मनदीप योगी, रामचंद्र सिवाच, ओम प्रकाश शर्मा, सतपाल पालू, आजाद सिवाच, बलजीत सिंह, राजेंद्र शर्मा, रिछपाल सिवाच, राजकुमार शर्मा ने अभिनव सिवाच के यूपीएससी के परीक्षा परिणाम में देशभर में 12वां रैंक प्राप्त करने पर मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया। ग्रामीणों ने कहा कि सतबीर सिवाच के बाद उनके पुत्र अभिनय सिवाच ने भी गांव का नाम आईएएस बनकर रोशन किया है।
क्या बोले अभिनव सिवाच | (IAS Toppers)
यूपीएससी की परीक्षा परिणाम में देशभर में 12वां रैंक हासिल करने वाले अभिनव सिवाच ने बताया कि बीटेक और एमबीए करने के बाद वर्ष 2018 को कोलकाता की मल्टीनैशनल कंपनी में सलाहकार पद पर नौकरी पर लग गया था। जहां उसका 35 लाख का पैकेज था। परंतु वहां पर यूपीएससी की तैयारी नहीं हो पा रही थी। इसलिए उसने कंपनी को छोड़ दिया। लेकिन वर्ष 2019 में उसे नायब तहसीलदार की नौकरी मिल गई। जिसने सिरसा में अंडर ट्रेनिंग पर रहे। हिसार व टोहाना में नायब तहसीलदार के पद का कार्यभार संभाला।
जो वर्तमान में बतौर आईएएस अंडर ट्रेनिंग दिल्ली में सेवा दे रहा हूं। मगर नायब तहसीलदार की नौकरी से उनके मन में टीस रहती थी, क्योंकि उसका इरादा मात्र आईएएस बनना था। जिसके चलते उसने यूपीएससी की तैयारी में प्रतिदिन 8 घंटे से ज्यादा पढ़ाई करनी शुरू कर दी। इसके अतिरिक्त ड्यूटी के साथ-साथ रात के समय और छुट्टी वाले दिन भी लगातार परीक्षा की तैयारी में समय बिताया। सिरसा में आबकारी एवं कराधान उपायुक्त सतबीर सिवाच व माता सुमनलता ने भी अपने बेटे अभिनव सिवाच को यूपीएससी की परीक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण टिप्स देकर उनकी मदद की। वहीं परिजनों का भी पूर्ण रुप से सहयोग मिला।