टिकट की आस में बसपा छोड़ कर पार्टी में शामिल हुए अब्दुल्ला कुरैशी मायूस
बुलन्दशहर/औरंगाबाद (सच कहूँ न्यूज) राजनीति में कब क्या हो जायेगा कौन दोस्त से दुश्मन बन जायेगा कहना अत्यंत मुश्किल होता है (Bulandshahr News) यह कहावत उस समय चरितार्थ होती नजर आई जब समाज वादी पार्टी ने निवर्तमान चेयरमैन अख्तर अली मेवाती की पत्नी शकीला को औरंगाबाद नगर पंचायत अध्यक्ष पद का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। पूर्व जिलाध्यक्षरहे पार्टी के कद्दावर नेता सैय्यद हिमायत अली अब्दुल्ला कुरैशी के लिए भागदौड़ में जुटे हुए थे लेकिन पार्टी आलाकमान ने अख्तर अली मेवाती को ज्यादा तवज्जो देते हुए टिकट से नवाज़ दिया।
अब्दुल्ला कुरैशी को अरसे से क्षेत्र भर में समाजवादी पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता माना जाता रहा है। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर किरन पाल सिंह के बेहद करीबी रहे अब्दुल्ला कुरैशी हालांकि कुछ समय पूर्व पार्टी से किनारा कर बसपा का दामन थाम चुके थे लेकिन बसपा में कोई खास तवज्जो नहीं मिलने पर उन्होंने हाल ही में घर वापसी करते हुए एक बार फिर से हाथी से उतर साइकिल की सवारी शुरू की थी।
पूर्व जिलाध्यक्षरहे पार्टी के कद्दावर नेता सैय्यद हिमायत अली और युवा नेता सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चहेते हुसैन अली पार्टी में अब्दुल्ला कुरैशी को टिकट दिए जाने की पुर जोर कोशिश में लगे हुए थे लेकिन हाईकमान से मायूसी ही हाथ लगी।
अख्तर अली मेवाती की पत्नी शकीला पहले भी नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड चुकी हैं लेकिन उनको मायूसी ही हाथ लगी थी। (Bulandshahr News) अख्तर अली मेवाती ने पिछला चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ते हुए सपा उम्मीदवार जगवीर सिंह लोधी को पटखनी दी थी हालांकि करीबी मुकाबले में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजकुमार लोधी को मात्र छः वोटों से पुनर्गणना के उपरांत हराया था जबकि सपा प्रत्याशी चौथे स्थान पर रहा था। इस बार उंट किस करवट बैठेगा यह वक्त ही बताएगा।
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