बोले-पिछली कांग्रेस सरकार ने साजिश के तहत पूज्य गुरु जी का नाम केसों में शामिल करवाया
चंडीगढ़। बेअदबी के अति निंदनीय मामलों में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का कोई हाथ नहीं है बल्कि उनका नाम पिछली कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक षड्यंत्र के तहत इस केस में शामिल करवाया है। इसलिए हमारी आम आदमी पार्टी सरकार से मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। यह बात डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता एडवोकेट जितेन्द्र खुराना इन्सां व संदीप कौर इन्सां, एडवाकेट केवल बराड़ और एडवोकेट हरीश छाबड़ा ने प्रैस कांफ्रेंस में कही।
इस दौरान एडवोकेट केवल सिंह बराड़ ने केस से जुड़े तथ्य मीडिया के सामने रखते हुए बताया कि बेअदबी मामलों को डेरे से जोड़ना पिछली कांग्रेस सरकार का रचा हुआ षड्यंत्र था। 2015 में पंजाब पुलिस ने बेअदबी मामलों में जसविन्द्र और रूपिन्द्र नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में कुछ संगठनों के दबाव में छोड़ दिया गया। उस समय मामले की जांच कर रहे तत्कालीन डीआईजी रणबीर सिंह खटड़ा ने खुद कहा था कि डेरा प्रमुख और डेरा श्रद्धालु बेअदबी की घटनाओं को क्यों अंजाम देंगे। खटड़ा का यह बयान यूट्यूब पर भी मौजूद है। बराड़ ने इस बात का भी खुलासा किया कि किसी बात को लेकर महेन्द्र पाल बिट्टू और डीआईजी खटड़ा में तकरार हो गई थी, गलती खटड़ा की थी, जिसकी वजह से पुलिस के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने खटड़ा को फटकार भी लगाई थी।
आखिर खटड़ा ने महेन्द्र पाल बिट्टू से माफी भी मांग ली थी। माफी मांगने से खटड़ा के दिल में महेन्द्रपाल बिट्टू के प्रति दुश्मनी पैदा हो गई। उधर से 2017 में पंजाब में कांग्रेस सरकार बन गई। खटड़ा ने अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए और कांग्रेस सरकार ने डेरा श्रद्धालुओं को सियासी बदले की भावना से सबक सिखाने के लिए महेन्द्रपाल बिट्टू और अन्य डेरा श्रद्धालुओं को गिरफ्तार कर उन पर अत्याचार कर बेअदबी करने के इकबालिया बयान जबरदस्ती लिखवा लिए। बराड़ ने बताया कि सबसे बड़ी धक्केशाही ही यहां हुई कि बेअदबी मामलों की जांच सीबीआई के पास होने के बावजूद खटड़ा ने महेन्द्रपाल बिट्टू व अन्य को किसी अन्य केस में गिरफ्तार कर उन्हें यातनाएं देकर बेअदबी करने का इकबालिया बयान लिखवा लिया।
एडवोकेट बराड़ ने यह तथ्य भी उजागर किए कि पंजाब पुलिस ने बेअदबी के दौरान डेरा श्रद्धालुओं की जिन गाड़ियों का जिक्र किया है, वो गाड़ियां उनके पास उस वक्त थी ही नहीं। पुलिस के अनुसार जो गाड़ियां 2015 में बेअदबी के लिए प्रयोग की गई हैं, असल में वे गाड़ियां डेरा श्रद्धालुओं ने लगभग दो साल बाद खरीदी थीं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने बेअदबी मामलों की गहन जांच की और तीन डेरा श्रद्धालुओं महेन्द्रपाल बिट्टू, सुखजिन्द्र सिंह सन्नी और शक्ति सिंह को गिरफ्तार कर उनके पॉलीग्राफिक टेस्ट, ब्रेन मैपिंग, फिंगर प्रिंट सहित कई वैज्ञानिक टेस्ट करवाए, जिसमें डेरा श्रद्धालु पूरी तरह निर्दोष साबित हुए। उन्होंने कहा कि महेन्द्रपाल बिट्टू ने अपनी मौत से पहले एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें बिट्टू ने विस्तारपूर्वक लिखा था कि किस तरह उस पर पंजाब पुलिस ने अत्याचार कर उससे बेअदबी का इकबालनामा लिखवाया।
यह चिट्ठी बिट्टू के परिवार द्वारा डीसी फरीदकोट को दी गई, जिस पर जांच भी बैठाई गई, लेकिन हैरानी की बात यह है कि महेन्द्रपाल बिट्टू ने जिस डीआईजी खटड़ा पर अत्याचार कर गलत बयान लिखवाने के आरोप लगाए थे, जांच भी उसी डीआईजी को सौंप दी गई। जिस पर आरोप है, वो अपने खिलाफ जांच कैसे करेगा। यह बात तो बिल्ली को दूध की रखवाली पर बैठाने वाली बात हो गई। अब बिट्टू के परिवार ने यह चिट्ठी हाईकोर्ट में पेश कर जांच की मांग की है, जो सुनवाई अधीन है। एडवोकेट बराड़ ने कहा कि हम पंजाब सरकार से पुरजोर मांग करते हैं कि बेअदबी के मामलों की बिना किसी राजनीति दबाव के निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
एडवोकेट हरीश छाबड़ा ने कहा कि पंजाब पुलिस का दावा है कि बेअदबी की धमकी देने वाले पोस्टर डेरा श्रद्धालुओं ने लिखे हैं, पंजाब पुलिस ने ही फिंगर प्रिंट लिए और सीबीआई ने इनकी जांच करवाई और किसी भी डेरा श्रद्धालु के फिंगर प्रिंट का पोस्टर के फिंगर प्रिंट से मिलान नहीं हुआ। जिससे साबित होता है कि डेरा श्रद्धालुओं का बेअदबी के मामलों में कोई हाथ नहीं है। वहीं एडवोकेट जितेन्द्र खुराना ने कहा कि पूज्य गुरु जी ने हमेशा आपसी भाईचारे और सभी धर्मों का सत्कार करने का संदेश दिया है। डेरा सच्चा सौदा एक सर्वधर्म संगम है, जहां सभी धर्मों का आदर सत्कार करना ही सिखाया जाता है। उन्होंने बेअदबी की घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि ऐसा करना तो बहुत दूर की बात है बल्कि पूज्य गुरु जी और साध-संगत ऐसे घिनौने कार्य के बारे में कल्पना भी नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि पूज्य गुरु जी ने पिछले दिनों जो चिट्ठी भेजी थी, उसमें उन्होंने साफ लिखा कि बेअदबी तो बहुत दूर की बात है, अगर कोई व्यक्ति किसी की निंदा भी करता है, किसी धर्म की, किसी व्यक्ति की तो वो डेरा सच्चा सौदा का अनुयायी नहीं हो सकता। इसलिए हमारी पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार से इतनी ही गुजारिश है कि वो बेअदबी के मामलों की निष्पक्ष जांच करवाए। क्योंकि अब तक देखा गया है कि जांच सरकारी दबाव में हो रही थी और जिसके चलते असल दोषियों को सजा नहीं मिली। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बेअदबी का मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा अति संवेदनशील मामला है, इसलिए इसके ऊपर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
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