सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। आम आदमी पार्टी (आप) की जिला सिरसा इकाई ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्यवसायी अडानी के पुतले फूंक कर रोष का इजहार किया। आप कार्यकतार्ओं ने सर्वश्री मोदी और अडानी की दोस्ती को कोसते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी के नेता बड़ी संख्या में टाउन पार्क में एकत्रित हुए और जलूस के रुप मे नारेबाजी करते हुए सुभाष चौक पर पहुंचे और नारेबाजी करने के बाद सर्वश्री मोदी और अडानी का पुतला फूंक कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व राष्ट्रीय परिषद सदस्य वीरेन्द्र कुमार, हैप्पी रानियां, वरिष्ठ नेता धर्मपाल लाट, कुलदीप गदराना, श्याम मेहता, कुलदीप भाम्भू ने किया।
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आप नेताओ ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद के नाम पर अडानी का घोटाला दबाना चाहती है। केंद्र सरकार के शीर्ष नेतृत्व से लेकर पूरी सरकार अडानी को बचा रही है। उन्होंने कहा कि श्री अडानी की कंपनियों को 7 हजार करोड़ रुपया पीएनबी बैंक, साढ़े 36 हजार करोड़ रुपया एलआईसी का और 21 हजार करोड़ रुपया एसबीआई का अडानी का कम्पनियों में लगा हुआ था। जनता की खून पसीने की कमाई का पैसा अडानी की कम्पनियां ले डूबी। हिन्डेनबर्ग के खुलासे के बाद हरियाणा के कृषि मंत्री से लेकर केंद्र सरकार के मंत्री श्री अडानी का बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी, लेकिन पिछले आठ साल में एक व्यक्ति की सम्पत्ति में 230 गुना इजाफा हुआ।
क्या है मामला
उन्होंने कहा कि ईडी-सीबीआई, इनकम टैक्स और सेबी जैसी कम्पनियों की नाक के नीचे देश का सबसे बड़ा घोटाला हो गया। उन्होंने कहा कि बिना सरकार की मिलीभगत के ये नहीं हो सकता। आम आदमी पार्टी सांसद में जेपीसी बना कर जांच करवाने की मांग करती है या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज इस घोटाले की जांच करें। अडानी समूह की कंपनियों के करीब 9 लाख करोड़ के शेयर डूब चुके हैं। मोदी सरकार ने एसबीआईए एलआईसी और अन्य बैंकों में जमा जनता के खून पसीने के पैसों को अडानी की कंपनियों में लगा कर डूबो दिया।
केंद्र सरकार की शह पर अडानी ने अरबों खरबों की काली कमाई की। वहीं बढ़ती मंहगाई से देश की जनता को लगातार समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जनता को मोदी-अडानी की दोस्ती के मायने समझ चुकी है। इस मौके पर हरमनदीप कौर, पूनम गोदारा, महावीर चौबुर्जा, राजकुमार वधवा, राकेश कुमार जैन, डा. केसी कंबोज, अनिल चंदेल, धर्मपाल लाट, प्रमोद वधवा, सौरव राठौर, राजन हिंदुस्तानी, सनी फुटेला, जतिन कपड़े वाला, शुभम खटक, इकबाल सिंह, जगतार सिंह साहुवाला, इंदरजीत बराड़, दयानंद शर्मा, सिकंदर खट्टर, नारायण दास सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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