नई दिल्ली (एजेंसी)। विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) की अनिवार्यता को निजता के अधिकारों का उल्लंघन मानने या न मानने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संविधान पीठ विचार करेगी। आधार की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए गठित सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आधार की अनिवार्यता को निजता के अधिकारों का उल्लंघन मानने या न मानने का मसला मंगलवार को नौ सदस्यीय संविधान पीठ को सुपुर्द कर दिया। पिछले दिनों न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ताओं को इस मामले में संविधान पीठ के गठन के लिए मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करने की सलाह दी थी।
याचिकाकर्ताओं ने आयकर अधिनियम की धारा 139(एए) को दी चुनौती
5 सदस्यीय संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आधार की अनिवार्यता को निजता के अधिकारों का उल्लंघन मानने या न मानने के मसले के निर्धारण का जिम्मा नौ सदस्यीय संविधान पीठ को सुपुर्द कर दिया। अब नौ-सदस्यीय संविधान पीठ इस मुद्दे पर आज सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं ने आयकर अधिनियम की धारा 139(एए) को चुनौती दी है, जिसमें पैन कार्ड बनवाने और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया है।
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