सरिस्का के जंगल में निकल कर पहुँचा था ग्रामीण क्षेत्र में, ट्रेंकुलाइज किया
Sariska Forest Tiger News: अलवर (एजेंसी)। राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभयारण्य के जंगल से निकले बाघ सेंट 2402 को शुक्रवार सुबह ट्रेंकुलाइज कर लिया गया। जिला वन अधिकारी अभिमन्यु सहारण ने बताया कि यह बाघ रैनी क्षेत्र के चिल्का का बास स्थित एक मकान की रसोई में घुस हुआ था, जिस मकान में था उसका परिवार भी अपने मकान के एक कमरे में बंद रहा और सरिस्का की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने उस मकान के चारों ओर सौ मीटर की घेराबंदी की और गाड़ियों में बैठकर ही बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की योजना बनाई, क्योंकि धुंध होने के कारण कुछ भी हादसा संभव था। Tiger News
कर्फ्यू जैसा हो गया था माहौल | Tiger News
जब रेस्क्यू टीम ने वहां देखा कि किचन में बैठे टाइगर का कुछ हिस्सा उन्हें दिख रहा है तो उन्हें वहां से ट्रेंकुलाइज करना आसान लगा और इस तरीके से उसको सुबह करीब नौ बजे ट्रेंकुलाइज किया गया। ट्रेंकुलाइज करने के बाद बाघ के गले में रेडियो कॉलर बांधा गया। रणथंभौर से स्पेशल गाड़ी मंगाई गई थी, जिसमें ट्रेंकुलाइज कर इसको सरिस्का ले जाया गया। होश में आने के बाद इसका उपचार किया जाएगा और पूरी स्वस्थ हालत में उसको एनटीसीए की गाइडलाइन या उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद उसको अभयारण्य में छोड़ा जाएगा। सहारण ने बताया कि अभी स्वीकृति का इंतजार है कि उसे सरिस्का में छोड़ जाए या किसी जंगल में छोड़ जाए।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले यह बाघ दौसा जिले के बांदीकुई इलाके में पहुंच गया था, जहां तीन लोगों को इसने घायल कर दिया था। उसके बाद यह वीरवार तड़के अलवर जिले की रैनी इलाके में आ गया और खेतों में दौड़ता रहा। वहां हालात यह हो गए कि कर्फ्यू जैसा माहौल हो गया। सड़कों पर कोई दिखाई नहीं देता। किसान भी अपने घरों में दुबके रहे और खेतों में नहीं गए। सुबह उसका ट्रेंकुलाइज करने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। Tiger News
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