
कृषि मंत्री बोले – हरियाणा में बागवानी को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा इजरायल का तकनीकी सहयोग | Karnal News
- इजरायली मंत्री डिक्टर ने कहा – खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिलकर करेंगे काम
- इजरायली तकनीक से हरियाणा के किसानों को मिल रहा बड़ा फायदा
घरौंडा (सच कहूँ न्यूज़)। Gharaunda News: घरौंडा स्थित इंडो-इजरायल सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में बुधवार को भारत-इजरायल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा और इजरायल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री ए. वी. डिक्टर मुख्य रूप से उपस्थित रहे। संगोष्ठी में कृषि क्षेत्र में तकनीकी साझेदारी, जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों, फसल उत्पादन बढ़ाने की रणनीति और किसानों की आमदनी दोगुनी करने पर विस्तार से मंथन हुआ। Karnal News
दोनों देशों के अधिकारियों और विशेषज्ञों ने इस मौके पर तकनीक के साथ नवाचार को साझा किया और भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा की। हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि इजरायल के सहयोग से 14 साल पहले घरौंडा में सब्जी उत्कृष्टता केंद्र की शुरुआत की गई थी। आज इसका लाभ हरियाणा के किसान उठा रहे हैं। पारंपरिक खेती से हटकर अब किसान बागवानी की ओर बढ़ रहे हैं। ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों से पानी की बचत के साथ-साथ उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गेहूं के उठान को लेकर सभी टेंडर पूरे कर लिए हैं और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अनाज का उठान समय पर हो और रखरखाव भी सही ढंग से किया जाए। Karnal News
संगोष्ठी में भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार, इजरायल डेलीगेशन के याकोव पालेग, सारा ओल्गा यानोवस्की, उरी रूविनस्टीन, येदिदा शूलमन और ब्रहम देव, भारत सरकार के अधिकारी प्रिया जैकब और मनोज कुमार भी शामिल हुए। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू और उद्यान विभाग के महानिदेशक डॉ. रणबीर सिंह ने मेहमानों का स्वागत किया।
इजरायली मंत्री बोले – चुनौतियां एक जैसी, समाधान साझेदारी से संभव
इजरायल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री ए. वी. डिक्टर ने कहा कि भारत और इजरायल की कृषि संबंधी समस्याएं एक जैसी हैं, चाहे जमीन का आकार हो या जनसंख्या का दबाव। इस संगोष्ठी में दोनों देशों ने एक-दूसरे की सफलताओं और विफलताओं को साझा किया, ताकि आगे की रणनीति तैयार की जा सके। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा भविष्य की बड़ी जरूरत है और ग्लोबल वार्मिंग की वजह से कीट और बीमारियों की आशंका भी बढ़ी है। इसलिए किस्मों का अपग्रेडेशन और तकनीक का उपयोग अनिवार्य है।
तकनीक से कृषि का भविष्य तय होगा | Karnal News
डिक्टर ने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में हमें सीमित भूमि से अधिक उत्पादन निकालने की चुनौती होगी। इजरायल के पास इस दिशा में कई प्रयोगशालाएं हैं और भारत के साथ मिलकर इस क्षेत्र में काम करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने सब्जी उत्कृष्टता केंद्र, घरौंडा में आकर खुशी जाहिर की और हरियाणा सरकार को बागवानी क्षेत्र में हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
नई तकनीकों पर होगा काम, हाईड्रोपोनिक्स और नींबू वर्गीय फलों पर विशेष फोकस
हरियाणा के कृषि मंत्री ने इजरायली सरकार से आग्रह किया कि घरौंडा केंद्र पर हाईड्रोपोनिक और एरोपोनिक जैसी आधुनिक तकनीकों को प्रदर्शित किया जाए। इसके अलावा नींबू वर्गीय फलों की नई किस्मों पर काम किया जाए और मधुमक्खियों में रोग पहचान व रोकथाम में भी सहायता मिले। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सभी उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से सटीक खेती, संरक्षित खेती, वर्टीकल फार्मिंग और नई किस्मों की शुरुआत की जा चुकी है। इसमें इजरायल का सहयोग सराहनीय रहा है।
हरियाणा में होर्टिकल्चर को नई दिशा देने वाले केंद्रों की भूमिका अहम
हरियाणा में बागवानी क्षेत्र का विस्तार लगभग 10.30 लाख एकड़ में हो चुका है। भारत-इजरायल सहयोग से छह उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना हो चुकी है। इन केंद्रों में फल, सब्जी, फूल और मसालों की आधुनिक किस्मों पर इजरायली तकनीकों के जरिए शोध और प्रदर्शन हो रहा है। इससे किसानों की उपज और आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
केंद्रों के निदेशक और क्षेत्रीय अधिकारी भी शामिल हुए
इस अवसर पर डॉ. बिल्लु यादव (उप-निदेशक, सी.ई.वी., घरौंडा), डॉ. सत्येंद्र यादव (उप-निदेशक, आई.बी.डी.सी., रामनगर), डॉ. राकेश कुमार (सी.एस.टी.एफ., लाडवा), डॉ. सतबीर शर्मा (सी.ई.एफ., मांगीयाना, सिरसा), डॉ. आत्म प्रकाश (उप-निदेशक, गिगनऊ) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। Karnal News
यह भी पढ़ें:– 500 Rupees Note News: बंद हो जाएंगे 10 और 500 रुपये के नोट, आरबीआई जारी करने जा रहा है नए नोट