नई दिल्ली (एजेंसी)। फलों का राजा आम के बारे में केवल इसके स्वाद और सुगंध के अलावा बहुत कम लोगों को प्रकृति के इस अनुपम उपहार का भारतीय संस्कृति और विरासत में प्रासंगिकता की जानकारी है। (Mango Varieties) केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) लखनऊ इसी को ध्यान में रखकर इस राष्ट्रीय फल को समर्पित संग्रहालय का विकास कर रहा है जिससे यहां आने वाले लोग आम के किस्मों, औषधीय गुणों, इसके उत्पादों, इतिहास और अन्य तथ्यों की व्यापक जानकारी हासिल कर सकें। संस्थान के निदेशक शैलेंद्र राजन के अनुसार भारत को दुनिया में आम की तरह-तरह की किस्मों के लिए जाना जाता है जिसे किसानों, नर्सरी कर्मियों और आम के प्रेमियों ने संरक्षित किया है। इस संस्थान के पास बड़ी संख्या में आम के अलग-अलग किस्मों के पेड़ है जो आम के मौसम में यहां आने वाले आगंतुकों के आकर्षण के केंद्र है।
आम को लेकर करीब 80 देशों ने 100 से अधिक डाक टिकट जारी किए हैं
डॉ. राजन ने बताया कि इस संग्रहालय में 800 से अधिक आम की किस्मों के मॉडल या फोटो लगाए जायेंगे जिसमें उसके संबंध में संक्षिप्त विवरण भी होगा जिससे लोगों को आम के बारे में जानकारी हासिल हो सके। यहां न केवल भारतीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबदबा स्थापित करने वाले किस्मों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। यहां आम के किस्म के संक्षिप्त इतिहास की भी जानकारी दी जायेगी। आम को लेकर करीब 80 देशों ने 100 से अधिक डाक टिकट जारी किए हैं। एक कोने में इन डाक टिकट और इस संबंध में अन्य जानकारी का ब्योरा दिया जाएगा।
- आम के पेड़ के संबंध में कहा जाता है
- इसमें कुछ एंटी वायरल, एंटी बेक्टीरियल, एंटी कार्सिनोजेनिक बायोएक्टिव कंपाउंड आदि गुणों का स्रोत भी बताया जाता है।
- कहा तो यह भी जाता है कि इसमें कोरोना वायरस से बचने की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी है।
- इस संबंध में भी संग्रहणालय में जानकारी दी जायेगी।
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