(Corona Positivity Rate)
नई दिल्ली । देश में वर्तमान में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के पॉजिटिव मामले आने की दर (पॉजिटिविटी दर) 8.07 प्रतिशत है और केंद्र सरकार राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश के साथ मिलकर इसे पांच प्रतिशत से कम करने के प्रति प्रतिबद्ध है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आज हुई प्रेस ब्रीफिंग में स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी राजेश भूषण ने बताया कि देश के 30 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां कोरोना पॉजिटिविटी दर देश की पॉजिटिविटी दर से कम है। कर्नाटक में पॉजिटिविटी दर 7.29, पश्चिम बंगाल में 6.94, हरियाणा में 4.16, उत्तर प्रदेश में 4.06, असम में 4.03, मध्य प्रदेश में 3.90 और राजस्थान में 2.46 प्रतिशत है।
जांच सबसे बड़ा हथियार
उन्होंने कहा कि कोरोना की जंग में जांच सबसे बड़ा हथियार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि प्रति 10 लाख आबादी पर 140 टेस्ट होने चाहिए और इस जांच स्तर को लंबे समय तक बरकरार रखें। भारत में औसतन प्रति 10 लाख आबादी पर 180 टेस्ट होते हैंं। देश के 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में प्रति 10 लाख आबादी 140 से अधिक टेस्ट होते हैं। इस मामले में गोवा सबसे आगे है, जहां प्रति 10 लाख आबादी 1,333 टेस्ट होते हैं। इसके अलावा त्रिपुरा में प्रति 10 लाख आबादी 643 टेस्ट, तमिलनाडु में 571 टेस्ट, दिल्ली में 536 टेस्ट, पुड्डुचेरी में 498, असम में 340 टेस्ट, हरियाणा में 340 टेस्ट, सिक्किम में 327 टेस्ट, पंजाब में 301 टेस्ट, चंडीगढ़ में 301 टेस्ट, जम्मू-कश्मीर में 292 टेस्ट, लद्दाख में 263 टेस्ट, कर्नाटक में 247 टेस्ट, राजस्थान में 244 टेस्ट, महाराष्ट्र में 241 टेस्ट, हिमाचल प्रदेश में 234 टेस्ट, मध्य प्रदेश में 194 टेस्ट और केरल में 188 टेस्ट होते हैं। भूषण ने कहा कि केवल टेस्ट करना ही पर्याप्त नहीं है। इस स्तर की जांच को लंबे समय तक जारी रखना है ताकि कोरोना पॉजिटिविटी दर कम होकर पांच प्रतिशत या उससे कम हो जाये।
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