हुड्डा के 10 साल के शासन काल में भी 4 गुणा हुआ था कर्ज
(Debt on Haryana tripled)
सच कहूँ/अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। प्रदेश के गठन से लेकर अब तक बेशक कई सरकारें आई और गई , लेकिन प्रदेश की जनता पर कर्ज का बोझ कोई भी सत्ता कम नहीं कर सकी, बल्कि आए साल के साथ यह कर्ज भी लगातार बढ़ रहा (Debt on Haryana tripled) है और मौजूदा खट्टर सरकार के छह साल के कार्यकाल में अब तक यह कर्ज बढ़कर तीन गुणा हो गया है। एक आरटीआई के तहत प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार पिछले छह साल में हरियाणा पर कर्ज 60 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख 85 हजार करोड़ हो चुका है। बता दें कि एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा वित्त विभाग के उप-निदेशक के पास आवेदन देकर हरियाणा सरकार के कर्ज की जानकारी मांगी थी। जानकारी के अनुसार, हरियाणा सरकार इस साल पर 03 अप्रैल तक 1,85,548 करोड़ रुपये का कर्जा हो गया है। यह प्रोविजनल आंकड़ा है।
खट्टर सरकार से पहले प्रदेश पर था 60 हजार 293 करोड़ रुपए कर्ज
आरटीआई के अनुसार, प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मनोहर लाल खट्टर सरकार आने से पूर्व 31 मार्च 2014 तक प्रदेश पर 60,293 करोड़ रुपये का कर्ज था। मौजूदा सरकार ने छह वर्ष के कार्यकाल में विकास के लिए 1,85,548 करोड़ रुपये हरियाणा सरकार पर कर्ज लिया और इस दौरान सड़कों को बार-बार तोड़ फोड़ कर दोबारा बनाने का फिजूल खर्च भी किया गया है। आरटीआई लगाने वाले शख्स ने आरोप लगाया कि इस दौरान सरकार ने प्रदेश स्तर पर कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं लगाया गया।
हुड्डा सरकार में 4 गुना बढ़ा था कर्ज
वहीं आरटीआई में खट्टर सरकार से पहले हुड्डा शासनकाल का भी जिक्र है, जिसमें बताया गया है कि खट्टर सरकार से पूर्व लगभग दस साल रही भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल में भी राज्य में कर्ज पर लगभग चौगुनी वृद्धि हुई थी और 15,886 करोड़ से बढ़कर यह 60 हजार करोड़ से पार हो गया था। बता दें कि इस दौरान कांग्रेस सरकार ने झांडली व खेदड़ बिजली के दो प्लांट लगाने का काम किया, लेकिन हुड्डा सरकार पर रोहतक के अलावा हरियाणा में समान रूप के विकास कार्य न करने के आरोप भी लगते रहे हैं। साथ ही कांग्रेस सरकार में कमीशनखोरी का आरोप लगा एवं झूठे विज्ञापनों पर करोड़ों रुपए खर्चने के आरोप भी लगे।
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