देसू मलकाना की शिक्षित बेटी ने बदला गांव का नक्शा

Desu Malkana Village

पंचायत चुनाव विकास कार्यों की ग्राउंड रिपोर्ट

नए साल 2021 में हरियाणा प्रदेश की ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। हालांकि अभी चुनावों में करीब छह महीने का समय बाकी है। लेकिन फिर भी पंचायत चुनाव की हलचल गावोें में शुरू हो गई है। आज सच कहूँ अपने पाठकों को कालांवाली उपमंडल के गाँव देसू मलकाना की वर्तमान ग्राम पंचायत द्वारा पाँच साल में किए गए विकास कार्यो की ग्राउंड रिपोर्ट से रू-ब-रू करवा रहा है। पहली बार सरपंच बनी गाँव की ग्रेजुएट बेटी ने गाँव में अभूतपूर्व विकास कार्य करवाए है। इस पर प्रस्तुत है कालांवाली से सच कहूँ संवाददाता की विस्तृत ग्राउंट रिपोर्ट।

अभूतपूर्व करवाया विकास, महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा स्त्रोत

कालांवाली। साल 2014 में मनोहर सरकार ने पहली बार सत्ता संभालने के बाद प्रदेशवासियों को पहली बार पढ़ी लिखी पंचायत दी। हरियाणा की किसी भी पंचायत में अब अंगूठा टेक मेंबर, सरपंच नहीं है। जिसकी बदौलत आज हरियाणा प्रदेश के गाँवों की विकास के मामले में तकदीर और तस्वीर बदल गई है। पंजाब सीमा के साथ लगते कालांवाली उपमंडल के गांव देसू मलकाना में भी पहली बार पढी लिखी ग्रेजुएट गांव की 24 वर्षीय बेटी बेअंत कौर सरपंच बनी और गाँव में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से अभूतपूर्व विकास कार्य करवाए।

गाँव की महिला सरपंच आज महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी हुई है। गाँव ने विकास के क्षेत्र में कालांवाली हलके में अपनी अलग पहचान बनाई हैं। वर्तमान ग्राम पंचायत के कार्यकाल में सबसे बड़ी बात यह रही कि गाँव की सीमा पंजाब प्रांत के साथ लगती है, जिस कारण यहां नशे का प्रचलन ज्यादा था। लेकिन ग्राम पंचायत ने युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता लाकर उन्हें नशे की दलदल से बाहर निकाला और उनका ध्यान खेलों की ओर लगाया।

नई पंचायत के बाद गांव देसूमलकाना में लिंगानुपात में आया सुधार

गांव देसूमलकाना में कुल 15 वार्ड है। 2011 की जनगणना के अनुसार गांव देसूमलकाना की आबादी 6000 है। गांव में कुल लगभग 3500 मतदाता है। गांव में 36 बिरादरी के लोग आपसी भाईचारे के साथ रहते है। एसएमओ डॉ.भूषण के अनुसार नई पंचायत बनने के बाद गांव देसूमलकाना में लिंगानुपात में काफी सुधार आया है। गांव में 1000 लड़कों के मुकाबले लगभग 1189 लड़कियां है।

1 करोड़ 50 लाख की ग्रांट से ये हुए विकास कार्य

देसू मलकाना गांव की बेटी बेअंत कौर गाँव की सरपंच है। जबकि गांव में 15 वार्ड है। जिनमें दो पंच सर्वसम्मति से व अन्य चुनाव के माध्यम से चुने गए है। मौजूदा ग्राम पंचायत द्वारा लगभग एक करोड़ पचास लाख की ग्रांट से गांव के विकास करवाया गया है। जिनमें मुख्य रूप से गांव की अधिकत्तर गलियों को पक्का करवाया गया है। वहीं पिछले 10 वर्र्षों से गांव के जिन मौहल्लों में पर्याप्त मात्रा पेयजल नहीं पहुंच रहा था, वहां नई पेयजल पाइप लाइन डलवाकर और गांव में बूस्टिंग स्टेशन का निर्माण करवाकर उन तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाया गया है। गांव में जिन एरिया में पानी की निकासी नहीं थी, उस एरिया में पानी निकासी के लिए बोरवेल लगवाए। इसके साथ-साथ गांव के पंचायती जोहड़ की चारदीवारी व रामबाग में गेटों का निर्माण करवाया।

Desu Malkana Village

शिक्षा पर रहा फोक्स, अपग्रेड हुआ स्कूल

बच्चों की शिक्षा को देखते हुए गांव में स्थित राजकीय उच्च विद्यालय को अपग्रेड करवाकर सीनियर सेकेंडरी स्कूल का दर्जा दिलवाया गया। स्कूल के सौंदर्यकरण के लिए स्कूल की बिल्डिंग को पेंट और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए। ग्रामीणों को पैंशन व अन्य बैंकों में लेन-देन करने के लिए कालांवाली जाना पडता था, जिससे उनका समय खराब होता था,उनकी पीड़ा को देखते हुए पजांब नैशनल बैंक के उच्च अधिकारियों से मिल कर गांव में बैक की शाखा को स्थापित करवाया गया। गाँव के युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए गांव में एक वालीबाल स्टेडियम का भी निर्माण करवाया गया है।

Desu Malkana Village

ये हैं अभी समस्याएं

अगर गांव की समस्याओं की बात करें तो गाँव में अभी भी कुछ गलियां कच्ची है। इसके अलावा गाँव में गरीब परिवारों के लोगों को सरकार द्वारा बनाकर दिए जाने वाले मकानों की संख्या भी कम है। बहुत से ग्रामीणों को अभी भी सरकारी मकानों की आवश्यकता है।

थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन सफलता मिली: सरपंच

सरपंच बेअंत कौर ने बताया कि शुरू में थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था लेकिन मन में ठान लिया था कि गांव को विकास की बुलंदियों पर लेकर जाना है। ग्राम पंचायत ने मिलकर गांव के विकास के लिए प्रयास किए है, जिसका परिणाम है कि आज गाँव की विकास के मामले में अलग पहचान है। अगर गाँववासी आगे मौका देंगे, तो गांव को हरियाणा के सभी गांवों से विकास में सर्वश्रेष्ठ बनाएंगे।
-बेअंत कौर,सरपंच।

गांव में अच्छे विकास कार्य हुए : पूर्व सरपंच

पूर्व सरपंच बसंत सिंह ने बताया कि उन्होंने 2010- 2015 तक सरपंची की है। उस समय गांव में सरकारी ग्रांट ना मिलने के चलते गांव के विकास कार्य नहीं करवा पाए। अब गांव में बढ़िय़ा विकास हो रहा है। अगर उन्हें कभी दोबारा सरपंच बनने का मौका मिला तो वह रुके हुए विकास कार्यों को पहल के आधार पर करेंगे। वहीं गांव के गरीब लोगों के लिए बनाई गई कॉलोनियों को उन्हें दी जाएं ताकि वह वहां पर रह सके।
-बसंत सिंह, पूर्व सरपंच।

 

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