प्रदेश के विद्यार्थियों और शिक्षाविदों ने की सस्ता और तेज इंटरनेट मुहैया करवाने की मांग
सच कहूँ/अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। गत दिवस प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने विद्यार्थियों के साथ विचार सांझा करते हुए उन्हें देश का भावी कर्णधार बताया और कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में देश के युवाओं के योगदान की आवश्यकता पर बल दिया है। सीएम ने विद्यार्थियों को आह्वान किया कि वे अनिश्चितता के इस समय में नई खोज करने की ओर बढ़ें। लेकिन प्रदेश के युवा खास तौर पर विद्यार्थी इस समय महंगे और स्लो इंटरनैट की समस्या से दो-चार हो रहा है, ऐसे में विद्यार्थी की ऑनलाइन पढ़ाई और इंटरनैट तकनीक के माध्यम से नई खोज और नए रास्ते ढूंढने में बाधाएं आ रही है। बता दें कि प्रदेश में एयरटैल, आइडिया, जिओ, वोडाफोन और बीएसएनएल मुख्य तौर पर इंटरनैट सर्विस प्रोवाइडर हैं। लेकिन इन सभी टेलीकॉम कंपनियों में से जिओ और एयरटैल ही संतुष्टिजनक इंटरनैट सेवा मुहैया करवा रहे हैं। वहीं वोडाफोन, आइडिया और बीएसएनएल जैसी कंपनियां मोबाइल इंटरनैट स्पीड के मामले में काफी पीछे हैं। इंटरनैट की धीमी गति का खामियाज़ा सबसे ज्यादा छोटे शहरों और गांवों के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
8 से 10 रुपए प्रति दिन के हिसाब से खर्च होता है 4 जी डेटा
प्रदेश में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और जिओ के 4-जी इंटरनेट पैक्स लगभग बराबर हैं और 8 से 10 रुपए प्रति दिन के हिसाब से 4जी इंटरनेट के लिए खर्च होते हैं। हालांकि सभी सर्विस प्रोवाइडर्स दिन का 1 से 3 जीबी डेटा प्रतिदिन के हिसाब से मुहैया करवाते हैं और यही प्लॉन एक आम व्यक्ति या विद्यार्थी लेता है। लॉकडाउन के इस दौर में विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ज्यादा इंटरनेट की जरूरत होती है, लेकिन डेटा यूज़ की सीमा के कारण वे मायूस हो रहे हैं।
हिसार की रहने वाली बारहवीं की छात्रा रश्मि कादयान का कहना है कि मौजूदा समय में पढ़ाई के लिए सरकार ऑनलाइन शिक्षा पर बल दे रही है लेकिन असल में इंटरनैट के महंगे डाटा पैक और इंटरनेट की स्पीड बड़ा इशू है। रश्मि का मानना है कि विद्यार्थी सैल्फ स्टडी इंटरनेट के माध्यम से अच्छी कर सकता है लेकिन आपकों एक विषय को अच्छे से समझने के लिए कुछ वीडियोज़ देखने पड़ते हैं, ऐसे में डाटा की सीमा सीमित होने के कारण कई बार विषय क्लीयर नहीं हो पाता फिर 24 घंटे का इंतजार करना पड़ता है। अंबाला के मुनीष गोयल जो कि बीसीए के फाइनल ईयर के विद्यार्थी हैं, उनका मानना है कि हमारा देश इंटरनेट स्पीड के मामले में पूरी दुनिया में 128वें नंबर पर है। आप यकींन करेंगे कि देश में 56 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स हैं। यह एक आबादी बहुत से देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है, लेकिन इंटरनेट की स्पीड के मामले में हम बहुत पीछे हैं।
ऑनलाइन कक्षाओं का स्कोप अधिक, लेकिन इंटरनेट की कम गति बड़ा अवरोधक: प्रो. गुरदास
शिक्षाविद् प्रो. गुरदास सिंह इन्सां का कहना है कि सरकार इस मौजूदा समय में इंटरनेट की गति अच्छी मुहैया करवाकर न केवल हरियाणा बल्कि पूरे भारत को दुनिया की पहली कतार में लाकर खड़ा कर सकती है। प्रो. गुरदास का मानना है कि इंटरनैट की कमी के चलते ही छोटे कस्बों और गांवों के बच्चों तक मौजूदा समय में शिक्षा नहीं पहुंच पा रही, यदि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इंटरनैट सर्विस प्रोइवाइडर्स को इंटरनैट की स्पीड और बिना गतिरोध सर्विस के लिए तैयार करें तो देश और प्रदेश को नई ऊंचाइयां छूने से कोई रोक नहीं सकता।
जिओ की इंटरनैट स्पीड में हरियाणा से कहीं आगे और पूरे देश में टॉप पर है बिहार
देश में जिओ ने हालांकि 4-जी इंटरनेट लाकर इंटरनैट की दुनिया में नया आयाम पेश किया जिसकी देखा-देखी दूसरी कंपनियों को भी 4-जी इंटरनैट मुहैया करवाने पड़े। लेकिन हैरानीजनक तथ्य यह है कि मौजूदा समय में जिओ की इंटरनैट स्पीड बिहार में सबसे ज्यादा है। वहीं एयरटैल की स्पीड में आंधप्रदेश, वोडाफोन की स्पीड में ओडिसा, आइडिया की स्पीड में असम सबसे आगे है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।