भोपाल l मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना को खत्म करने के लिए 2000 से अधिक कोरोना वारियर्स मैदान में उतरकर लगातार 2 दिनों तक इस महासर्वे अभियान में लगाये गए हैं। कलेक्टर अविनाश लवानिया के नेतृत्व में 51 सघन, स्लम बस्तियो और कंटेन्मेंट क्षेत्रो में सेनेटाइजेशन, सर्वे, स्क्रीनिंग, और उसके बाद सेम्पलिंग की कार्यवाई का महाभियान शुरू हो गया है। इन दो दिनों में जिले की लगभग 5 लाख आबादी का सर्वे किया जाना हैं, सर्वे में सर्दी, खाँसी, बुखार के मरीजों की सार्थक एप्प में एंट्री कराई जाएगी। उसके बाद उन सभी की डॉक्टर के नेतृत्व में स्क्रीनिग और जररूत होने पर सेम्पलिंग कराई जाएगी। कोरोना के खिलाफ सबसे अहम लड़ाई का आज से भोपाल जिले में शंखनाद कर दिया गया है। सुबह 7.00 बजे से 1500 से अधिक सर्वे कार्यकर्ता, नगर निगम, स्वास्थ्य जिले के अधिकारियों का अमले ने अलग- अलग 51 क्षेत्रो में जांच अभियान शुरू कर दिया है।
इसके साथ ही मलेरिया की रेपिड जांच, डेंगू लार्वा की जांच, सार्वजनिक जगहों से पानी निकासी, मच्छर मारने की दवाई का छिड़काव, और शाम 6.00 बजे के बाद से फॉगिग कराई जाएगी। लोगों को जागरूक करने के लिये फीवर क्लीनिक के पोस्टर और मास्क लगाने के साथ शारीरिक दूरी बनाने के लिए में लोगों को बताया जाएगां। इस अभियान की शुरुआत में सर्वे के साथ सभी क्षेत्रों का सेनेटाइजेसन भी कराया जा रहा है। स्क्रीनिंग और सेम्पलिंग की टीम भी लगातार सार्थक एप्प के डाटा के आधार पर कर्रवाई करेगी। मलेरिया जांच, टीम बुखार वाले मरीजों के खून की जांच रेपिड किट से कर रही है। साथ ही दवाई का वितरण भी किया जा रहा है। नगर निगम का अमला खुले प्लॉटों से पानी निकासी और पानी मे मच्छर मारने की दवाइयां डालने का काम कर रहा है। घरों में डेंगू के लार्वा की जांच भी की जा रही है।
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