चिंताजनक। कोरोना काल में मंदी के बीच आम आदमी की जेब पर बढ़ा बोझ
17 दिन में पेट्रोल के दाम 8.50 रु. और डीजल के 10.49 रु. बढ़े
नई दिल्ली (एजेंसी)। देश के इतिहास में पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा हो गई है। इससे आम लोगों की जेब पर महँगाई का बोझ बढ़ने की आशंका है क्योंकि डीजल की कीमत बढ़ने से सड़क मार्ग से माल ढुलाई का किराया 12 प्रतिशत तक बढ़ गया है। तेल विपणन कंपनियों ने डीजल की कीमत में बुधवार को लगातार 18वें दिन बढ़ोतरी की, जबकि 17 दिन बाद पेट्रोल के दाम स्थिर रहे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डीजल, पेट्रोल से महँगा हो गया है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन आॅयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 79.76 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रही, जो 28 अक्टूबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है।
वहीं, डीजल का मूल्य 48 पैसे बढ़कर 79.88 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। करीब 12 सप्ताह तक तेल विपणन कंपनियों की ओर से पेट्रोल-डीजल की मूल कीमतों में बदलाव नहीं किया गया था, जबकि उस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट जारी थी। दिल्ली और मुंबई में हालाँकि राज्य सरकारों द्वारा वैट बढ़ाने से दाम बढ़े थे। तेल विपणन कंपनियों ने 07 जून से कीमतों की समीक्षा दुबारा शुरू की। पिछले 17 दिन में दिल्ली में पेट्रोल 8.50 रुपये यानी 11.93 प्रतिशत महँगा हुआ। लगातार 18 दिन में डीजल की कीमत 10.49 रुपये यानी 15.12 प्रतिशत बढ़ाई गई है। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। पेट्रोल की कीमत कोलकाता में 81.45 रुपये, मुंबई में 86.54 रुपये और चेन्नई में 83.04 रुपये प्रति लीटर रही। डीजल कोलकाता में 43 पैसे महँगा होकर 75.06 रुपये, मुंबई में 46 पैसे महँगा होकर 78.22 रुपये और चेन्नई में 39 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 77.17 रुपये प्रति लीटर बिका।
‘‘मोदी सरकार ने कोरोना महामारी और पेट्रोल-डीजल की कीमतें ‘अनलॉक’ कर दी हैं।
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
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