नई दिल्ली (एजेंसी)। चीन ने शनिवार को फिर दावा किया कि गलवां घाटी कई वर्षों से उसके अधीन है तथा आरोप लगाया कि 15 जून को भारत के अग्रिम सैन्य बलों ने जानबूझ कर वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करके चीनी सैनिकों पर हमला किया था जिसके बाद हुए घमासान संघर्ष में अनेक हताहत हुए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियान झाओ ने ट्विटर पर गलवां घाटी की घटना को लेकर आठ बिन्दुओं में चीनी दृष्टिकोण को रखा है। इसके माध्यम से चीन ने यह संकेत दिया है कि वह गलवां घाटी में पीछे नहीं हटेगा और आगे भी सैन्य संघर्ष के लिए तैयार है। प्रवक्ता ने कहा कि गलवां घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन के अधिकार वाले क्षेत्र में स्थित है।
कई वर्षों से चीनी सैनिक इस क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात हैं और गश्त लगाते रहे हैं। अप्रैल से भारतीय सैनिक गलवां घाटी में इकतरफा और लगातार सड़क, पुल और अन्य ढांचे बना रहा है। चीन ने कई बार भारत के समक्ष विरोध व्यक्त किया लेकिन भारत ने उसे रोकने की बजाय वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार करके उकसाने वाले कदम उठाये। उन्होंने कहा कि छह मई को भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार करके बैरिकेडिंग कर दी जिससे चीन के सैनिकों की गश्त बाधित हो गई। भारतीय सैनिकों ने जानबूझ कर एलएसी के नियंत्रण एवं प्रबंधन को इकतरफा बदलते हुए चीनी सैनिकों को उकसाया। इससे बाध्य हो कर चीनी सैनिकों ने आवश्यक कार्रवाई की ताकि एलएसी पर जमीनी नियंत्रण एवं प्रबंधन मजबूत हो सके।
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