नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न प्रांतों में फंसे मजदूरों को 15 दिन के भीतर उनके इच्छित स्थानों पर भेजने का मंगलवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने प्रवासी मजदूरों की बदहाली पर स्वत: संज्ञान वाली याचिका पर अपना बहुप्रतीक्षित आदेश सुनाते हुए कहा कि पलायन करने का मन बना चुके प्रवासी मजदूरों को आज से 15 दिन के भीतर अपने गांव या उनके इच्छित स्थान पर भेजने का समुचित इंतजाम किया जाये।
न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकारों के अनुरोध पर रेलवे 24 घंटे के भीतर श्रमिक स्पेशल ट्रेन उपलब्ध करायेगी। खंडपीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अपने घर जाने की जद्दोजहद में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वाले मजदूरों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाएंगे।
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