भालू के दांतो में छोटे-छोटे छल्लों की माइक्रोस्कोप की सहायता से गणना करके उसकी आयु का अंदाजा लगाया जा सकता है। भालूयों के खालों की परते होती है। छोटी परत उसे गर्म रखती है जबकि बड़ी परत उसकी चमड़ी और खाल की छोटी परत को पानी से बचाती है। जंगल के भालू तीस साल की आयु तक जीते है जबकि बंदी भालू (जिन्हें मानव द्वारा कैद किया गया है) 47 साल तक जी सकते हैं। केवल ध्रुवीय भालू ही पूरे माँसाहारी होते है जबकि बाकी के सारे भालू सर्वभक्षी अर्थात जानवर और पौधे दोनो खाने वाले होते हैं। वे 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भाग सकते है जो कि एक दौड़ते घोड़े को पकड़ने के लिए पर्याप्त है।
सबसे तेज मनुष्य जो अब जीवित है मतलब कि युसेन बोल्ट वह 43 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से दौड़ सकते हैं। उसकी हृदय गति 40 प्रति मिनट होती है जबकि एक शीतकालीन नींद में सो रहे भालू की हृदय गति 8 प्रति मिनट होती है। कुछ भालू अपनी पिछली दोनों टागों पर चल सकते है। इसलिए कभी दूर से देखने पर वह ऐसे लगते हैं जैसे कि कोई मनुष्य विचित्र ढंग से चल रहे हों। काले भालू पूरी तरह से काले नहीं होते बल्कि यह कुछ इंन्द्रधनुष जैसे होते है इसकी चमड़ी काली से लाल-भुरी और फिर सफेद थोड़ी सी सफेद होती है। संसार का सबसे साधारण भालू भूरा भालू है। उसकी टांगें कमान जैसी होती है। यह इनकी पकड़ और संतुलन को ओर बेहतर बनाते है। एक तैरने वाला ध्रुवीय भालू पाने में 8 फुट लंम्बी छलांग लगा सकता हैं। एक पैंडा भालू के एक अतिरिक्त अंगुठा होता है जोकि असल में उनकी कलाई की उभरी हुई हड्डी होती है। यह उन्हें बाँस को उखाड़ने में सहायता करती है जो कि वह खा जाते हैं। एक पैंडा भालू एक दिन में 21 किलो तक बाँस खा सकता है। दैत्य पैंडा भालू का सिर बहुत बड़ा होता है। वैज्ञानिक मानते है कि यह इनके मजबूत जबड़े और गर्दन की मासपेशीयों के लिए होता है जो क इन्हें बाँस चबाने में सहायता करते है। बाँस इनकी खुराक का 99 प्रतीशत हिस्सा है। और बाकी का एक प्रतीशत बाँस पर लगे कीड़े होते है जा फिर माँस जो इनको कहीं पर मिल जाता है। एक ध्रुवीय भालू बिना आराम किए 160 किलोमीटर तक तैर सकता है। कुछ ऐसे काले भालू भी होते है जो कि सफेद भालू में बदल जाते है। यह भालू बहुत दुर्लभ होते है। कुछ अमरीकी मानते है कि इनके पास कोई दैवी शक्ति होती है।
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