नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2019 के राष्ट्रपति के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 के तहत असम राज्य को इनर लाइन परमिट एरिया से बाहर रखा गया है। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने हालांकि याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता ‘द ऑल ताई अहम स्टुडेंट्स यूनियन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने सिक्किम राज्य बनाम सुरेंद्र प्रसाद शर्मा मामले के हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना आदेश पर रोक नहीं लगाई जायेगी। न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया जाता है और मामले की सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तारीख मुकर्रर की जाती है।
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