नयी दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर)- राष्ट्रीय विषाणु संस्थान(एनआईवी) पुणे ने कोरोना वायरस संक्रमण कोविड -19 के एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए स्वदेशी (ELISA Test Kit) “आईजीई एलिजा टेस्ट किट -‘काेविड कवच एलिजा’को विकासित करने में सफलता हासिल की है। एनआईवी के वैज्ञानिकोें की टीम ने प्रयोगशाला में पुष्टि किए गए मरीजाें से सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम-काेविड 2 विषाणु को आइसाेलेट करने में सफलता हासिल की है। इसके आधार पर एंटीबॉडी टेस्ट किट बनाने में सफलता मिलेगी।
गौरतलब है कि जब किसी व्यक्ति काे कोरोना संक्रमण हाेता है ताे हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इस विषाणु को मार गिराती है और इस सफल अभियान को अंजाम देने वाली कोशिकाओं में कुछ खास तरह के रक्षात्मक प्रोटीन होते हैं जिन्हें एंटीबॉडी कहा जाता है। जिस व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण हुआ है तो उसके शरीर में एंटीबाडी की जांच कर पता लगाया जा सकता है कि उसे कोरोना विषाणु का संक्रमण हुआ था और यह आधार सामुदायिक स्तर पर कोरोना संक्रमण के रूख को दर्शा सकता है। एंटीबॉडी टेस्ट सिर्फ संक्रमण के बाद की अवस्था में ही सफल माना जाता है जबकि आरटीपीसीआर टेस्ट यह बता सकता है कि संक्रमण हो चुका है क्याेंकि संक्रमण होने के कम से दस दिन बाद शरीर में एंटीबाडी का पता लगता है। एंटीबॉडी टेस्ट को सर्विलांस के लिए प्रयुक्त किया जाता है।