राहत: हरियाणा सरकार ने बिहार के 1200 श्रमिकों को ट्रेन से भेजा घर

मजदूरों से नहीं लिया जाएगा किराया (From Hisar to Bihar)

  • प्रदेश से यूपी-बिहार के श्रमिकों के लिए चलेंगी 6 स्पैशल ट्रेन

  • राज्य सरकार रेलवे को चुकाएगी 8 लाख 4 हजार रुपए प्रति ट्रेन

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के कारण लगभग डेढ़ महीने से हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में फंसे यूपी-बिहार के श्रमिकों की घर वापसी के लिए छह विशेष श्रमिक रेलें चलाने की योजना बनाई है, जिसके चलते बुधवार को हिसार से 1200 श्रमिकों से भरी पहली ट्रेन बिहार के कटिहार के लिए रवाना कर दी गई।  यह स्पेशल ट्रेन 17 घंटे में 1455 किमी. लंबा सफर तय करके बिहार के कटिहार जाएगी। यह ट्रेन हिसार से रोहतक, दिल्ली के रास्ते बिहार गई, जो रास्ते में कहीं नहीं रूकी।

  • इस बाबत जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी।
  • सीएम ने बताया कि बुधवार को पहली विशेष श्रमिक ट्रेन हिसार से कटिहार के लिए रवाना की गई।
  • इस ट्रेन में लगभग 1200 श्रमिक सवार थे।
  • सभी श्रमिकों को सुरक्षित व व्यवस्थित ढंग से उनके स्थानों तक भेजना हमारा दायित्व है।
  • जिसका हम निर्वहन कर रहे हैं।
  • यात्रा के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया, जो सराहनीय है।
  • यात्रियों को विभिन्न प्रकार के भोजन के साथ-साथ पानी की बोतल भी उपलब्ध करवाई गई है।
  • एक स्पैशल ट्रेन का किराया 8 लाख 4 हजार रुपये है, जो राज्य सरकार ने रेलवे को जमा करवाया है।

7 और 8 मई को पांच श्रमिक रेलें होंगी रवाना

कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच हरियाणा से अन्य राज्यों के श्रमिकों के लिए छह विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। पहली स्पेशल ट्रेन आज बिहार के लिए हिसार से रवाना हुई। यह ट्रेन 1200 यात्रियों को लेकर बिहार के कटिहार के लिए रवाना हुई। इसके बाद 7 और 8 मई को पांच श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना की जाएंगी। 7 मई को तीन और 8 मई को दो ट्रेनों को रवाना किया जाएगा।

शैड्यूल बदला गया

दूसरे राज्यों के कामगारों को मंगलवार को गृह क्षेत्र के लिए रवाना करने का शेड्यूल ऐन वक्त पर बदल दिया गया था। ऐसा बिहार सरकार से समय पर एनओसी न मिलने कारण किया गया। अलग-अलग दिनों में बिहार सरकार से मिली एनओसी के कारण अब छह स्पेशल ट्रेनें तीन अलग-अलग दिनों में रवाना होंगी। तीन स्पेशन ट्रेनें 7 मई, दो स्पेशल ट्रेनें 8 मई को रवाना होंगी। पहले सभी स्पेशल ट्रेनें 5 मई को रवाना करने की योजना थी। वहीं बता दें कि प्रदेश की मनोहर-दुष्यंत सरकार मजदूरों से किसी भी तरह का किराया वसूल न किया जाए, इसके लिए सभी छह स्पैशल ट्रेनों का खर्च खुद उठा रही है। इसके लिए सरकार को लगभग 50 लाख रुपए रेलवे को देने होंगे।

प्रदेश में फंसे हुए हैं लगभग 5 लाख श्रमिक

सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लॉकडाउन और कोरोना के कारण करीबन 5 लाख प्रवासी मजदूर अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए पोर्टल पर इन मजदूरों ने अपनी जानकारी दी है। वहीं प्रदेश सरकार ने तय किया है कि सबसे पहले खेतीहर मजदूरों को ही वापिस भेजा जाएगा। क्योंकि एक-डेढ़ महीने के काम के पश्चात अब इन लोगों के पास रहने इत्यादि की व्यवस्था नहीं है।

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