नयी दिल्ली। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को नकद पैसा देने की बजाय अस्थायी राशन कार्ड बनाकर उनको भोजन देना चाहिए और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आर्थिक पैकेज घोषित होना चाहिए। प्रोफेसर बनर्जी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ लम्बी बातचीत में मंगलवार को कहा कि उन्हें लगता है कि जब पूरी अर्थव्यवस्था ठप है तो लोगों को नकद पैसा नहीं दिया जाना चाहिए। पैसा सबसे गरीब लोगों की जेब में जरूर जाना चाहिए और इसके लिए लोगों काे चिन्हित करने की जरूरत है। उनका कहना था कि निचले तबके की 60 फीसदी आबादी को पैसा देने में कोई बुराई नहीं है लेकिन यदि उन लोगों को पैसा मिलता है जिनको इसकी जरूरत नहीं है तो इसको अनाप शनाप खर्च करेंगे और इससे महंगाई बढेगी।
उन्होंने कहा कि नकदी सिर्फ जरूरतमंद तक ही पहुंचनी चाहिए इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि समाज में जो सबसे गरीब है उसके पास नकदी पहुंचे। उन्होंने कहा “हम लोगों को ऐसे ही नकद नहीं दे सकते हैं। जिन लोगों के पास जन धन खाते हैं, वे पैसा प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन बहुत से लोगों के पास नहीं है और विशेष रूप से, प्रवासी श्रमिकों को लाभ नहीं पहुंच सकता। जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है जो इस लाभ से वंचित है और उनके बारे में भी सोचने की जरूरत है।”