नयी दिल्ली। सरकार ने कहा है कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के संक्रमण के प्रसार की गति धीमी होनी शुरू हो चुकी है और इसी बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) बॉम्बे ने एक टीम के साथ सस्ता वेंटिलेटर विकसित किया है जिसका नाम रुहदार(Ruhdaar) नाम दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार आईआईटी बॉम्बे, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान(एनआईटी) श्रीनगर और इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईयूएसटी), अवंतीपोरा, पुलवामा, जम्मू-कश्मीर के इंजीनियरिंग छात्रों की एक टीम रचनात्मक व्यक्तियों का एक ऐसा समूह है जो वेंटिलेटर की आवश्यकता संबंधी समस्या को हल करने के लिए सामने आया है। इस टीम ने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग करते हुए कम लागत वाला वेंटिलेटर बनाया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार संक्रमित होने वालों में लगभग 80 प्रतिशत केवल मामूली रूप से बीमार होंगे, लगभग 15 प्रतिशत को ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी और शेष पांच प्रतिशत जिनकी हालत नाजुक होगी, उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता होगी। टीम ने इसको रूहदार वेंटिलेटर नाम दिया है। इसका जन्म इस प्रकार हुआ- प्रोजेक्ट हेड और आईआईटी बॉम्बे के इंडस्ट्रियल डिज़ाइन सेंटर के प्रथम वर्ष के छात्र ज़ुल्कारनैन महामारी के कारण संस्थान बंद हो जाने पर अपने गृह नगर कश्मीर गए थे। महामारी बढ़ने पर ज़मीनी स्थिति का पता चला तो उन्होंने मालूम हुआ कि कश्मीर घाटी में केवल 97 वेंटिलेटर हैं। उन्होंने महसूस किया कि इनकी आवश्यकता इससे कहीं अधिक थी और वेंटिलेटर की कमी कई लोगों के लिए प्रमुख चिंता बन गई थी।
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