आडिशन देने मुंबई गया था रंगकर्मी संजय रामफल
(Painter sanjay ramfal)
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साइकिल पर 16वें दिन दादरी पहुंचा, अस्पताल में करवाया चैकअप
चरखी दादरी (सच कहूँ ब्यूरो)। करीब तीन माह पूर्व मुम्बई में एक फिल्म का आॅडिशन देने गया था। कोरोना को लेकर देशभर में लॉकडाउन लगा तो वहीं फंस गया। घर से फोन आया कि माँ गंभीर रूप से बीमार है। ऐसे में घर लौटने की काफी कोशिश की, लेकिन घर आने का कोई प्रबंध नहीं हुआ। ऐसे में ओएलएक्स से पुरानी साइकिल खरीदकर उसी पर माँ से मिलने की चाह में घर की ओर चल दिया। रास्ते में कई समस्याएं सामने आर्इं। बावजूद इसके माँ से मिलने का ज़ज्बा लिए आगे बढ़ता गया। आखिरकार कई मुश्किलों से गुजरते हुए 1400 किलोमीटर का सफर तय करते हुए 16वें दिन दादरी पहुंचा।
अस्पताल से संजय सीधे अपने घर पहुंचा और माँ से मिलकर मन को शांति मिली
चरखी दादरी निवासी रंगकर्मी संजय रामफल साइकिल मुम्बई से चरखी दादरी तक साइकिल पर सफर कर घर पहुंचा है। हालांकि संजय ने दादरी में आते ही सिविल अस्पताल में अपना चैकअप करवाया। इस दौरान चिकित्सकों ने उसे 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी है। (Painter sanjay ramfal) अस्पताल से संजय सीधे अपने घर पहुंचा और माँ से मिलकर मन को शांति मिली। रंगकर्मी संजय ने बताया कि वह तीन माह पूर्व एक बड़े बजट की फिल्म का आॅडिशन देने के लिए मुंबई गया था। फाइनल आॅडिशन होने के बाद जब उसे घर आना था तो देश में लॉकडाउन लग गया।
- ऐसे में ट्रेन तथा फ्लाइट सेवाएं बंद हुई तो उसे काफी परेशानियां हुई।
- उधर घर से फोन गया कि माँ बीमार है।
- माँ से मिलने के लिए उसने किसी भी तरह दादरी आने की ठानी।
संजय रामफल ने बताया कि लॉकडाउन के चलते बाजार बंद थे तो उसने ओएलएक्स के माध्यम से मुंबई में ही एक पुरानी साइकिल खरीदी तथा बीती 11 अप्रैल को मुंबई से दादरी के लिए निकल पड़ा। करीब 1400 किलोमीटर सफर तय करते हुए वह 16वें दिन दादरी पहुंचा।
- रंगकर्मी संजय रामफल सीधे चरखी दादरी के सिविल अस्पताल पहुंचा और अपना चैकअप करवाया।
- चैकअप के बाद चिकित्सकों ने उसे 14 दिन होम क्वारंटाइन की सलाह दी।
- संजय ने बताया कि घर पहुंचकर माँ से मिला तो काफी खुशी हुई।
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