चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेशवासियों से लॉकडाउन के दौरान घरों में ही रहने, सोशन डिस्टेंसिंग बनाये रखने और कोरोना से एकजुट होकर लड़ने की अपील की है। खट्टर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम अपने संदेश में कहा कि कोरोना महामारी को हम सभी को एकजुट होकर हराना है। उन्होंने लोगों से अपने घरों और एकांत में रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ पहला ऐसा मुकाबला है जब दौड़ऩे वाला नहीं बल्कि रूकने वाला जीतेगा। इसलिए मेरा अनुरोध है कि रुक जाएं, अपने स्थान पर रहें, अपने घरों में रहें।
उन्होंने ग्राम पंचायतों ने इस फैसले का स्वागत किया जिसमें उन्होंने गांव के अंदर जनता कर्फ्यू लगा दिया है जिसके तहत तथा न तो बाहर से किसी व्यक्ति को वे आने देंगे और न ही गांव के किसी व्यक्ति को बाहर जाने देंगे। लोगों की सारी आवश्यकताएं इन 14 दिनों के अंदर गांव के अंदर ही पूरी करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सभी गांवों में इस तरह की स्थिति बनेगी तभी अपने गांवों को इस महामारी से बचा पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में 1.70 लाख करोड़ रुपए के एक आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज में मुख्य तौर पर गरीब परिवारों को राहत पहुंचाई गई है जिसके तहत उन्होंने किसानों के खाते में राहत की पहली किस्त डालने की बात की है। इस तरह, गरीब परिवारों का राशन भी दुगना कर दिया जाएगा और कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।
खरीद कार्य को अलग-अलग चरणों में करना पड़ेगा
उन्होंने कहा कि राज्य में खेतों में फसल पक कर तैयार है। संयोग से प्रदेश में इस बार वर्षा और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई है। लेकिन इस बात का विचार करना पड़ेगा कि फसल कटाई समय पर हो। उन्होंने कहा कि उपज खरीद एक जटिल समस्या है क्योंकि मजदूर यहां नहीं हैं और यदि सब लोग इकट्ठे होकर मंडी में आते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग भी भंग होगी। इसलिए, खरीद कार्य को अलग-अलग चरणों में करना पड़ेगा। उन्होंने बड़े किसानों से अपील कि वे इस में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इस बार 15 अप्रैल से सरसों की जबकि 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की जा रही है क्योंकि यह एक साथ नहीं हो पाएगी। इसलिए इसे हमें 30 जून तक ले जाना पड़ेगा।
किसानों को पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था कराई जाएगी
खट्टर ने कहा कि विभाग के पास इस बात का पूरा रिकॉर्ड है कि किस किसान ने कौन सी फसल बोई है और कितनी बोई है। इसलिए यह बताया जाएगा कि किस दिन किसको फसल बिक्री के लिए मंडी में लेकर आनी है। उन्होंने कहा कि सरसों या गेहूं के लिए नमी की जितनी सीमा निर्धारित की गई है उस सीमा तक इसे सुखाना होगा और जिन किसानों में अपनी फसल को स्टोर करने का सामथर्य है उन से अनुरोध है कि वे उपज को अपने घर या मंडी में स्टोर कर सकते हैं। इसके लिए, किसानों को पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था कराई जाएगी ताकि खरीद की यह प्रक्रिया सहज तरीके से पूरी की जा सके।
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