जीत। दो वर्ष से शिक्षा के सौदागरों के जाल में फंसी युवती को आखिर मिला न्याय (University sealed)
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संचालक व रजिस्ट्रार सहित आधा दर्जन के खिलाफ केस दर्ज
भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश दुहन)। दो वर्ष से लगातार मानसिक प्रताड़ना व पुलिस थानों के चक्कर काटने वाली जिले की एक बेटी को आखिरकार न्याय मिल ही गया, साथ ही हजारों, लाखों बेरोजगार युवाओं को धोखा देकर उन्हेंं डिग्रियों के नाम पर धोखा देने वाली यूनिवर्सिटी की भी पोल खुल गई है। पुलिस फर्जी डिग्रियों का गोरखधंधा करने वाले विश्वविद्यालय को सील कर दिया है। वहीं इसके संचालकों के खिलाफ भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज कर लिये हैं।ममता ने बताया कि उसने वर्ष 2009 में बीए के उपरांत एमए में दाखिले हेतु हरियाणा के कई कॉलेजों में प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी।
इसी दौरान ममता ने प्रचार माध्यम पर मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के दाखिला संबंधी विज्ञापन देखे और विज्ञापन में दिए गए चेयरमैन व एक अन्य महिला के नम्बर पर संपर्क किया। उन्होंने युवती को विश्वविद्यालय के करनाल स्थित एक स्टडी सैंटर में बुलाया और 50 हजार रुपये फीस लेकर एमए मनोविज्ञान में दाखिला दे दिया। उसे बताया गया कि 12 हजार रुपये की तो रसीद दे दी जाएगी, लेकिन 38 हजार रुपये नॉन अटेंडिंग के कटेंगे। उसे यह भी बताया गया कि अभी विश्वविद्यालय का भवन सोलन जिले में निर्माणाधीन है।
वर्ष 2011 में युवती को एमए मनोविज्ञान उतीर्ण करने की डिग्री दे दी गई थी
युवती ने बताया कि 2012 में उसने विश्वविद्यालय के बताए गए पते पर 250 रुपये का ड्राफ्ट भेजा और अपनी डिग्री वैरीफिकेशन मांगी। विश्वविद्यालय द्वारा अपने नम्बर आरटीआई/033 दिनांक 4-6-2012 के तहत इसे वैरीफाई भी कर दिया गया। ममता ने बताया कि इसी दौरान हरियाणा में लोक सेवा आयोग ने रोजगार अधिकारी के पदों का विज्ञापन निकाला। इस पद के लिए एमए मनोविज्ञान को प्राथमिकता दी गई थी। 2014 में युवती का सहायक रोजगार अधिकारी पर चयन भी हो गया।
चार वर्ष तक तो सबकुछ ठीक ठाक चला और विभाग द्वारा उसकी डिग्री की भी जांच करवाई गई, जिसे मानव भारती विश्वविद्यालय ने सही बताया और विभाग को एमबीयू/जीईएन-2016/वीईआर-2584 दिनांक 6 सितम्बर 2016 के तहत पत्र लिखकर डिग्री को सत्यापित किया गया। यही नहीं हिमाचल प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने भी गोपनीय पत्र लिखकर इस डिग्री की जांच करवाई, जिसे एक बार फिर से विश्वविद्यालय ने सत्यापित किया। बावजूद इसके युवती के खिलाफ उसके अपनों का षड्यंत्र बंद नहीं हुआ।
पत्र हिमाचल के धर्मपुर थाने में और हरियाणा में रोजगार विभाग को भेज दिया गया
वर्ष 2018 में युवती के अनुसार उसके खुद के नंददोई के भाई ने एक घरेलू झगड़े में डराना धमकाना शुरू कर दिया और मानव भारती विश्वविद्यालय से सांठ-गांठ करके 22 छात्रों की डिग्रियां बोगस होने का एक पत्र जारी करवा दिया। यह पत्र हिमाचल के धर्मपुर थाने में और हरियाणा में रोजगार विभाग को भेज दिया गया। विश्वविद्यालय यहीं चूक कर गया कि उस द्वारा दो बार पहले ममता की डिग्री को सत्यापित किया जा चुका है। यहां हिमाचल पुलिस की भूमिका भी संदेह में आ गई, क्योंकि पुलिस द्वारा 22 में से केवल एक ही छात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
- ताजा शिकायत पर हरियाणा रोजगार विभाग ने भी ममता के खिलाफ पंचकुला के एक थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
- हरियाणा पुलिस के कुछ ईमानदार अधिकारियों द्वारा इस मामले में करवाई जांच में पता चला था।
- विश्वविद्यालय में किसी बाहरी के दबाव में ममता की डिग्री को अवैध ठहराया है।
- हरियाणा पुलिस ने ममता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को भी रदद करने की सिफारिश कर दी है।
ममता पर हिमाचल पुलिस का दबाव भी बढ़ रहा था
इसी दौरान सम्पूर्ण सिंह, ममता व उसके परिजनों को लेकर हिमाचल के शिमला स्थित पुलिस महानिदेशक एसआर मरड़ी के यहां पहुंचे। महानिदेशक ने ममता की सारी बात ध्यान से सुनी और उसी वक्त एक एसआईटी का गठन किया। इस एसआईटी ने रातोंरात विश्वविद्यालय में छापा मार दिया। छापामारी के दौरान पुलिस को विश्वविद्यालय में लगभग 10 हजार खाली डिग्रीयां व बिना जांची हुई उत्तर पुस्तिकाएं मिलीं। मजेदार बात तो यह है कि जिन छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं जांची ही नहीं गई थी, उन्हें भी डिग्रियां प्रदान की जा चुकी थीं। मामले की गम्भीरता को भांपते हुए पुलिस ने न केवल विश्वविद्यालय को सील कर दिया, बल्कि इसके संचालक व रजिस्ट्रार के खिलाफ भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज कर लिये हैं।
सोलन पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर नम्बर 0022 दिनांक 3-3-2020 के तहत मामले दर्ज किये हैं। पुलिस ने विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार को भी हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने राजस्थान के माउटाबू स्थित एक निजी विश्वविद्यालय से भी मानव भारती विश्वविद्यालय की लगभग 1376 खाली डिग्रियां, 50 माईगे्रशन सर्टिफिकेट तथा खाली लेटर पैड के अलावा कई अन्य कागजात बरामद किए हैं। ममता की शिकायत पर पुलिस ने विश्वविद्यालय के आधा दर्जन अन्य लोगोंं के खिलाफ भी मामले दर्ज किये हैं। इस जांच के दौरान पुलिस ने ममता की डिग्री का मूल रिकार्ड भी हासिल करके उसके खिलाफ बनाया गया झूठा मामला भी वापिस ले लिया है।
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