भाजपा में बहुमत के लिए अब 104 विधायकों की जरूरत |
Rebellion in Congress
नई दिल्ली (एजेंसी)। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय (Rebellion in Congress, know the mathematics of MP assembly) मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सिंधिया की बगावत और कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे है। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ भी दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है इसके चलते भाजपा सर्तक हो गई है। भाजपा अपने विधायकों की टूट-फूट से बचाए रखने की कवायद में जुट गई है और उन्हें हरियाणा के मानेसर होटल में ठहराया गया है।
- मुख्यमंत्री कमनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है।
- उन्होंने कहा कि भाजपा के कई विधायक उनके सम्पर्क में है ।
- सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
- हालांकि कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश केविधानसभा का गणित बदल गया है।
- कांग्रेस अपनी सत्ता को बचाए रखने की जद्दोजहद कर रही है ।
- बीजेपी सिंधिया के कंधे पर सवार होकर सत्ता पर काबिज होना चाहती है।
सियासी संकट से पहले का समीकरण
कांग्रेस 114
बीजेपी 107
बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित)
सपा 1
निर्दलीय 4
रिक्त सीटें 2
बहुमत के लिए आंकड़ा 116 चाहिए ।
मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से…
बता दें कि सिंधिया ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पत्र में लिखा, ‘मैं पिछले 18 साल से पार्टी के प्राथमिक सदस्य थे और अब समय आ गया है कि मैं पार्टी को अलविदा कह दूं। मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने ट्विटर पर भी अपने इस्तीफे के पत्र को पोस्ट किया है जिसमें श्रीमती गांधी और पार्टी के सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया है।
टूट-फूट के बाद अब का समीकरण
- कांग्रेस के 114 में से 22 का इस्तीफा और 4 मिसिंग के बाद अब कुल बचे 88 विधायक
- बीजेपी के 107 में से दो बागी, अब कुल 105 विधायक
- बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित)
- सपा 1
- निर्दलीय 4
- बहुमत के लिए आंकड़ा 104 चाहिए
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