बाजारों पर दिख रहा ‘कोरोना वायरस’ का असर | Holi festival
होली पर इस बार चीन की नहीं बल्कि देसी पिचकारी से बरसेगा रंग
सच कहूँ/सुनील वर्मा-रोहित
सरसा/कालांवाली। चीन में फैले कोरोना वायरस का असर (Holi festival. Rang Gulal sales lower than 2019) बाजार पर दिख रहा है। चाइनीज वस्तुओं के आयात का असर होली पर दिखाई दे रहा है। होली का त्योहार 10 मार्च को मनाया जाएगा। चीन से इस बार रंग, पिचकारी व उपहार आइटमों का आना बंद है। जिसकी वजह से इस बार होली पर चीन की नहीं बल्कि देसी पिचकारी से रंग बरसेगा।
कुछ दुकानदार पुराने स्टॉक से ही काम चला रहे हैं। बाजार में रंग गुलाल की बिक्री वर्ष 2019 के मुकाबले कम है। पिचकारियों के थोक विक्रेता मोंटी भाई की दुकान के संचालक मनीष ने बताया कि होली पर्व पर शहर में छोटे से लेकर बड़े दुकानदारों के पास 50 लाख रुपये का माल बेचा जाता था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से अबकी बार केवल 10 लाख रुपये ही रह गया है। इस त्यौहार पर रंग गुलाल, स्प्रे, बैलून व स्ट्रे बैलून की खूब मांग होती है। चीन में बनने वाले इन आइटमों की मांग इस बार कम है।
हालांकि बाजार से चीनी उत्पादों के गायब होने से ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा तो मिल रहा है, लेकिन व्यापारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के डर से स्टॉकिस्ट नया माल नहीं मंगा रहे हैं। इसके चलते स्वदेशी माल की मांग ज्यादा बढ़ गई है।
गुलाल व रंगों की बिक्री पर पड़ा है जबरदस्त असर
चीन के रंगों व गुलाल से लोग तौबा कर रहे हैं तो साथ ही होली से संबंधित अन्य आइटम की बिक्री पर भी जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। अब तक पिछली होली की तुलना में इस बार बाजार में करीब 40 प्रतिशत व्यापार कम हुआ नजर आ रहा है। क्योंकि लोग चाइनीज आइटम से परहेज कर रहे हैं।
इन्हीं की डिमांड ज्यादा हुआ करती थी। चाइनीज से कई तरह की पिचकारी, अलग-अलग क्वालिटी के रंग, गुलाल आते हैं। होली से संबंधित पटाखे भी खूब बिका करते थे। होली का मजा बढ़ाने के लिए चाइना से मुखौटे व बाल सहित कई फैंसी आइटम आती थी। लेकिन अब तक इन आइटम को खरीदने वाले कम ही आ रहे हैं।
बाजार में खरीदी के लिए पहुंचने लगे लोग | Holi festival
मौसम में आए बदलाव के चलते ग्रामीण अपनी फसल को लेकर चिंतित नजर आते हैं किन्तु इसके बाद भी होली के त्योहार को लेकर बाजार में अच्छी खासी चहल-पहल दिखाई दे रही हैं। बाजार में चारों ओर रंगों और पिचकारियों की दुकानों पर बड़ी संख्या में सामग्री खरीदने के लिए लोगों की भीड़ दुकानों पर दिखाई देती है। लोग होली के त्योहार को लेकर रंग-गुलाल, अबीर को खरीदने में लगे हुए हैं।
देसी गुलाल, पिचकारी, रंग की डिमांड बढ़ी
- कोरोना वायरस के चलते बाजार में एक साकारात्मक बात यह सामने आई।
- इस बार बाजार में देसी रंग, गुलाल व पिचकारी की डिमांड बढ़ी है।
- पिछले कई साल से होली पर चाइनीज आइटम की ही डिमांड रहती थी।
- इसके चलते देसी आइटम के खरीदार बहुत कम रह गए थे।
दुकानदार भी देसी सामान कम ही लाते थे। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते स्थितियां बदली हैं। वह भी अपनी दुकान एक भी चाइनीज आइटम नहीं लेकर आएं। इस बार स्वदेशी पिचकारियां ही ज्यादा लोगों को पसंद आ रही हैं।
10 रुपये से लेकर 500 रुपये तक बिक रही पिचकारियां | Holi festival
- होली त्यौहार पर 10 रुपये से लेकर 500 रुपये तक पिचकारियां बिक रहीं हैं।
- कलरफुल बाल 60 से लेकर 100 रुपये तक हैं।
- हिंदुस्तानी टोपी व राजस्थानी पगड़ी भी लोगों को खूब भा रही है।
- वहीं रंगों की भी अलग-अलग क्वालिटी बाजार में उपलब्ध है।
- रंग 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक बढ़िया बिक रहा है।
- दुकानदार मोंटी ने बताया कि गुलाल रायपुर (मध्यप्रदेश) व हतरस (उतरप्रदेश) से आया है।
- पिचकारियां दिल्ली, मुंबई से आई हैं।
- हालांकि कलरफुल स्प्रे की डिमांड भी ज्यादा है जो 20 रुपये से लेकर 80 रुपये तक है।
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