Children Missing | पानीपत से लापता बच्चों के मामलों की जांच करेगी सीबीआई
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पानीपत में कुछ वर्षों से (Children Missing )बच्चों की गुमशुदा होने की बढ़ रही घटनाओं पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि वे इस मामले को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करवाने की सिफारिश करेंगे। उन्होंने यह जानकारी बुधवार को यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल के समय विधायक प्रमोद विज द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में दी। गृह मंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि जब वे पानीपत जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे तो उस समय भी उनके समक्ष यह मामला आया था। अनिल विज ने इस बारे में सदन के पटल पर एक विवरण भी रखा।
प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने सदन में दिया आश्वासन | Children Missing
बता दें कि पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज ने गृह मंत्री से सवाल किया कि पिछले कुछ वर्षांे के दौरान गुमशुदा बच्चों की विशाल संख्या देखने में आई है सरकार द्वारा इस मामले में क्या कदम उठाए गए हैं? इस पर जवाब देते हुए विज ने कहा कि पानीपत से बच्चे गुम होने की खबरें उन्हें मिली हैं। उन्होंने आशंका जताई कि यह किसी गैंग द्वारा किया गया काम है, जो बच्चे उठाता है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश करेंगे।
2018 में सबसे ज्यादा 430 बच्चे हुए थे लापता, 311 पुलिस ने खोजे, 119 का अभी तक कोई सुराग नहीं
वर्ष लापता बच्चों की संख्या बरामद बच्चे अभी तक लापता बच्चे
- 2015 229 205 24
- 2016 250 188 62
- 2017 358 311 47
- 2018 430 311 119
- 2019 379 281 98
- कुल 1646 1296 350
पिछले दो महीनों में 49 बच्चे हुए लापता, केवल 16 हुए बरामद
- सदन में मुहैया करवाई गई जानकारी के अनुसार पिछले दो महीनों में पानीपत में 49 बच्चे लापता हुए।
- 16 बच्चे पुलिस ने बरामद कर लिए। लेकिन 33 बच्चों का अभी तक कोई अता-पता नहीं है।
गुमशुदा बच्चों के लिए सरकार उठा रही कदम | Children Missing
विज ने बताया कि गुमशुदा बच्चों को बचाने के लिए सरकार ने मानव तस्करी निरोधक इकाइयों का गठन किया है। ये इकाइयां राज्य अपराध शाखा हरियाणा का हिस्सा हैं, जो पंचकूला, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मधुबन (करनाल), हिसार, भिवानी और रोहतक में स्थित हैं। वहीं किशोर न्याय एवं संरक्षण अधिनियम की धारा 107 के तहत राज्य के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में बाल कल्याण पुलिस अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
राज्य के प्रत्येक जिले में विशेष किशोर पुलिस इकाइयों का गठन किया गया है। नैशनल इंफर्मेटिक्स सैंटर (एनआईसी) ने ट्रैक दा मिसिंग चाइल्ड ना से एक राष्टÑीय पोर्टल विकसित किया है, जिसमें न केवल लापता बल्कि बरामद किए बच्चों का भी जिक्र है। वहीं खोया-पाया पोर्टल भी बच्चों का विवरण सांझा करने हेतु जनता को मंच प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2015 से 2019 तक लापता बच्चों को बचाने के लिए 8 विशेष अभियान चलाए गए। वहीं विशेष अभियान के तहत 625 लापता बच्चों को बचाया गया है।
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