वर्ष 2050 तक विशेषज्ञों ने खाद्यान्नों के उत्पादन में कमी होने की आशंका व्यक्त की है लेकिन इसकी मांग बनी रहेगी (Agricultural science fair)
नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में कृषि तकनीक के विस्तार कर वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए आठ कृषि जलवायु क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर कृषि विज्ञान मेला आयोजित किया जाएगा। (Agricultural science fair)कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से रविवार को पूसा में आयोजित कृषि विज्ञान मेला का उद्घाटन करते हुए कहा कि ए मेला तीन दिनों के लिए आयोजित किए जाएंगे जिसमें बीज से लेकर किसानों को तमाम सुविधाएं और तकनीकें उपलब्ध करायी जाएगी ।
इस दौरान विशेषज्ञ कृषि की चुनौतियों पर चर्चा भी करेंगे और किसानों की समस्याओं का निदान भी करेंगे। तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्र और मौसम में हो रहे बदलाव दो बड़ी चुनौती है। इस पर समय रहते विजय प्राप्त नहीं किया गया तो लोगों को परेशानी का सामना करना पर सकता है। वर्ष 2050 तक विशेषज्ञों ने खाद्यान्नों के उत्पादन में कमी होने की आशंका व्यक्त की है लेकिन इसकी मांग बनी रहेगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर फसलों के बीज विकसित कर रहा है।
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सेवानिवृत कर्मचारी क्या कर रहे हैं
- इसका पता लगाया जाएगा और उनका एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
- सेवानिवृत कर्मचारियों के पास खेती की तकनीक का व्यापक अनुभव है
- उन्हें खेती के लिए तैयार किया जाए तो इससे किसानों को व्यापक लाभ मिल सकता है।
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